Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान में कांग्रेस की दिग्गज जाट नेता ज्योति मिर्धा (Jat leader Jyoti Mirdha) ने भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) का दामन थाम लिया है। ज्योति मिर्धा पश्चिमी राजस्थान में कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे नाथूराम मिर्धा (Nathuram Mirdha) की पोती है। ज्योति मिर्धा के बीजेपी में जाने से उन्हें हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) की टक्कर में देखा जा रहा है। जाट बाहुल्य नागौर बेल्ट में जाट वोटर्स को साधने के लिए बीजेपी का यह बड़ा दांव है। ज्योति मिर्धा के बीजेपी में जाने से नागौर की राजनीति में हलचल मचना पूरी तरह तय है।
ज्योति मिर्धा नागौर की कांग्रेस से सांसद रह चुकी हैं। ज्योति ने साल 2019 में कांग्रेस के टिकट पर नागौर से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन वह हनुमान बेनीवाल के सामने जीत हासिल करने में नाकाम रही थी। गौरतलब है कि नागौर जिला जाट बाहुल्य माना जाता है, जहां की राजनीति में नाथूराम मिर्धा का खास दबदबा रहा है। राजस्थान में वैसे तो आजादी के बाद से ही जाट समाज के अंदर कांग्रेस का वोट बैंक मजबूत रहा है। इसे ऐसे भी देखा जा सकता है कि नाथूराम मिर्धा नागौर से छह बार सांसद रहे थे। राजनीतिक परिवेश में पली-बढ़ी ज्योति मिर्धा ने साल 2009 में पहला चुनाव लड़ा था और लोकसभा पहुंची।
लगातार दो लोकसभा चुनाव हारी ज्योति मिर्धा
साल 2014 में ज्योति मिर्धा मोदी लहर के चलते बीजेपी के सीआर चौधरी (CR Chaudhary) से लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) हार गई थी। साल 2019 में उन्होंने फिर से लोकसभा चुनाव लड़ा और फिर हार गई। उस वक्त ज्योति को फिर से उम्मीदवार बनाए जाने पर पार्टी में विरोध भी हुआ था। लेकिन नागौर की राजनीति में मिर्धा परिवार (Mirdha Family Politics) का वर्चस्व देखकर कांग्रेस पार्टी ने विरोध के स्वर को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया था। ऐसे में अब बीजेपी में जाकर ज्योति मिर्धा नागौर की राजनीति में क्या उलटफेर करती है, यह देखने लायक होगा।
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