Lok Sabha Speaker Curse: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी दल अपनी सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं और इसके लिए वह जमकर प्रचार कर रहे है। लेकिन इस बार राजस्थान में बीजेपी और कांग्रेस में सीधा मुकाबला होने के कारण लड़ाई बहुत ही दिलचस्प बन गई है। लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा कोटा सीट को लेकर हो रही है जंहा दो बार के सांसद और लोकसभा अध्यक्ष को उनकी ही पार्टी के बागी नेता प्रहलाद गुंजल से चुनौती मिल रही है।
ओम बिरला के लिए जीत जरूरी
यह सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती है और बिरला लगातार दो बार सांसद रहे है। लेकिन इस बार उनकी लड़ाई अपने ही साथी से होने के कारण जीत में थोड़ी परेशानी हो सकती है। लेकिन इसके साथ ही बिरला के लिए जीत भी जरूरी है क्योंकि उनकी जीत के साथ कई रिकॉर्ड टूट जाएंगे जो अब तक चले आ रहे हैं।
लोकसभा अध्यक्ष से जुड़ा मिथक
पिछले 25 साल के इतिहास की बात करें तो एक रिवाज लोकसभा अध्यक्ष को लेकर भी चला आ रहा है। साल 1999 के लोकसभा चुनाव के बाद बने लोकसभा अध्यक्षों में से कोई भी अगले चुनाव में जीतकर लोकसभा नहीं पहुंच है। इस बार ओम बिरला इस मिथक को तोड़कर संसद पहुंचेंगे इसको लेकर कई प्रकार की भविष्यवाणी हो रही है।
हेलिकॉप्टर दुर्घटना में जीएमसी बालयोगी की मौत
जीएमसी बालयोगी के बाद दो बार लोकसभा अध्यक्ष बनने वाले आखिरी सांसद थे। उनके बाद कोई भी सांसद दो बार लोकसभा अध्यक्ष नहीं बन पाया है और यह एक मिथक बना हुआ है जिसके टूटने का सबको इंतजार है।
मनोहर जोशी को हार मिली
बालयोगी की मौत के बाद शिनसेना नेता सांसद मनोहर जोशी को लोकसभा स्पीकर बनाया गया और 2004 में हुए लोकसभा चुनाव हुए तो वहर हार गए। इसके बाद वे 2006 में राज्यसभा के सदस्य निर्वाचित हुए।
सोमनाथ चटर्जी ने तो चुनाव ही नहीं लड़ा
2004 में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की सरकार में सांसद सोमनाथ चटर्जी लोकसभा अध्यक्ष बने और 2009 के लोकसभा चुनाव में मैदान में नहीं उतरने का फैसला किया।
मीरा कुमार को हार का सामना करना पड़ा
2009 में 15वीं लोकसभा के चुनाव के बाद कांग्रेस नेता सांसद मीरा कुमार को लोकसभा अध्यक्ष बनाया गया और 2014 में 16वीं लोकसभा के चुनाव में फिर मैदान में उतरीं। उन्हें हार का सामना करना पड़ा और वे लोकसभा नहीं पहुंच पाईं।
सुमित्रा महाजन ने लिया राजनीति से संन्यास
2014 में 16वीं लोकसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी तो सुमित्रा महाजन को लोकसभा अध्यक्ष बनाया गया। लेकिन सुमित्रा महाजन ने 17वीं लोकसभा चुनावों से पहले सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया।
कोटा सीट का चुनावी समीकरण
आजादी के बाद इस सीट पर 17 लोकसभा चुनाव में 7 बार बीजेपी,3 बार भारतीय जनसंघ और 4 बार कांग्रेस का कब्जा रहा। 2023 में हुए विधानसभा चुनावों में कोटा-बूंदी लोकसभा के अंतर्गत आने वाली 8 विधानसभा सीटों में से 4-4 सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी ने जीत दर्ज की।