Delhi Jama Masjid: दिल्ली की जामा मस्जिद भारत में ही नहीं पूरी दुनिया में मशहूर है। यहां के इमाम को शाही इमाम कहा जाता है। अभी तक 13 शाही इमाम हो चुके हैं। मुगल बादशाह शाहजहां के समय से चली आ रही ये परंपरा आगे भी चलती रहेगी। मौजूदा 13वे शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने अपना वारिस चुन लिया है। जी हां, इमाम साहब के साहबजादे और नायब इमाम सैयद उसामा शाबान बुखारी को Delhi Jama Masjid का अगला शाही इमाम नियुक्त किया जाएगा। शाबान बुखारी ऐतिहासिक दिल्ली जामा मस्जिद के 14वें शाही इमाम बनने जा रहे हैं। 25 फरवरी को उनकी दस्तारबंदी के लिए तमाम मशहूर हस्तियों को दिल्ली बुलाया गया है।
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Delhi Jama Masjid कब बनी?
17वीं सदी में बनकर तैयार हुई दिल्ली की मशहूर जामा मस्जिद (Delhi Jama Masjid) की तामीर यानी कंस्ट्रक्शन मुगल बादशाह शाहजहां ने करवाया था। साथ ही उस समय पहले शाही इमाम सैयद अब्दुल गफूर शाह बुखारी ने मस्जिद का उद्घाटन किया था। बुखारी खानदान ने शाहजहां से वादा ले लिया था कि जामा मस्जिद की इमामत हमेशा के लिए इमाम के परिवार में ही रहेगी। यानी राजा का बेटा राजा ही बनेगा, वैसे ही शाही इमाम का बेटा ही अगला शाही इमाम बनेगा।
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कौन हैं नये इमाम बुखारी साहब?
Delhi Jama Masjid के नये इमाम बुखारी साहब काफी युवा है। दिल्ली में ही पले-बढ़े शाबान बुखारी खानदान की विरासत को आगे बढ़ाएंगे। शाबान ने दिल्ली की एमिटी यूनिवर्सिटी से सोशल वर्क में मास्टर्स डिग्री हासिल की है। शाबान को 2014 में नायब इमाम नियुक्त किया गया था। शाबान ने इस्लामी धर्मशास्त्र में आलिम और फाजिल की डिग्री ले रखी है। मदरसा जामिया अरबिया शम्सुल उलूम, दिल्ली से पढ़े हुए शाबान के परदादा सैयद अब्दुल गफूर शाह बुखारी को मुगल सम्राट शाहजहां ने जामा मस्जिद का पहला इमाम नियुक्त किया था।