देश में इस साल की हीटवेव ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इस बार न केवल पिछले 50 वर्षों में सबसे ज्यादा गर्मी पड़ रही है वरन अकेले पिछले 48 घंटों में ही गर्मी के चलते केवल दिल्ली में ही दर्जनों लोगों की मृत्यु भी हो चुकी है। अस्पतालों में भी अचानक ही हीट स्ट्रोक से पीड़ित केसों की संख्या भी दुगुने से अधिक हो गई है।
अधिकतर मरीजों को होता है हाई फीवर
हॉस्पिटल्स में हीट स्ट्रोक के मरीज भी इन दिनों काफी अधिक संख्या में आ रहे हैं। यहां आने वाले अधिकतर लोगों को 102 डिग्री से 107 डिग्री तक फीवर होता है। शरीर के इतने लंबे समय तक फीवर में रहने के कारण बॉडी ऑर्गन्स पर इसका प्रभाव होता है काम करना बंद कर सकते हैं। हीट स्ट्रोक से पीड़ित लोगों के लिए अस्पताल में अलग से यूनिट्स बनाई जा रही हैं। मरीजों के फीवर को कम करने के लिए बर्फ और ठंडे पानी से कूलिंग की जा रही है।
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लोगों की लापरवाही भी बन रही है कारण
डॉक्टर्स के अनुसार हीट स्ट्रोक के मामलों को लोग गंभीरता नहीं लेते हैं। ऐसे में स्थिति अधिक बिगड़ जाने पर ही वे अस्पताल की ओर भागते हैं, जबकि समय रहते उपचार करने पर उन्हें बचाया जा सकता है। हीट स्ट्रोक के मामलों में हाई ग्रेड फीवर के साथ-साथ ब्लड प्रेशर की अनियमितता भी काफी ज्यादा हो जाती है, सांस फूलने लगती है और दूसरी कई समस्याएं जैसे वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन भी प्रभावित करने लगते हैं।
पिछले 48 घंटों में आए 87 ब्रॉट डेड
दिल्ली सरकार के आंकड़ों के अनुसार देश की राजधानी में पिछले 48 घंटों में 87 ब्रॉट डेड (यानि अस्पताल आने से पहले ही मृत्यु) लाए गए हैं जो आम दिनों के मुकाबले दुगुने से भी ज्यादा है। इनके अलावा भी दर्जनों लोगों की मृत्यु अस्पताल में होने की खबरें हैं। सेंटर फॉर होलिस्टिक डवलपमेंट (CHD) संस्था के अनुसार अकेले जून माह में अब तक 348 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। इनमें से भी 192 लोगों की मृत्यु केवल पिछले 9 दिन (11 जून से 19 जून तक) में हुई है।
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हीट स्ट्रोक में करें ये प्राथमिक चिकित्सा
हीट स्ट्रोक का सबसे पहला लक्षण अधिकांशतया फीवर के रूप में ही सामने आता है हालांकि किसी भी तरह की कोई स्वास्थ्य समस्या होने पर तुरंत ही डॉक्टर के पास जाना चाहिए। यदि फीवर हो तो पूरे शरीर पर ठंडा पानी डालना चाहिए ताकि शरीर का तापमान कम हो सके। ORS घोल भी पिलाना चाहिए। जहां तक संभव हो दोपहर के समय बाहर निकलने से बचना चाहिए। यदि निकलना ही पड़े तो पूरे शरीर को ढंक कर तथा ठंडा पानी पीकर ही निकलना चाहिए।
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