जीने के बहाने लाखों हैं। जीना तो तुझे आया ही नहीं। गाना तो आपने सुना ही होगा? लेकिन सच तो यह है कि आज भी देश में अधिकांश महिलाएं ऐसे ही जीवन यापन कर रही है। कोई भी उनका हो सकता है। लेकिन वह अपनाने को तैयार ही नहीं। शायद इसी वजह से हमारे परिवार रिश्ते भी बंधे हुए हैं टिके हुए हैं । लेकिन क्या लोग इसे समझ पा रहे हैं?
एक तरफ जहां वर्ल्ड ऑफ स्टैटिक्स रिपोर्ट में भारत में तलाक की दर सबसे कम बताते हुए रिश्तो की प्रगाढ़ता और परिवार की मजबूती सुर्खियां बटोर रही है। हम प्रथम पायदान पर हैं। वही दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी जमकर वायरल हो रहा है।
वीडियो एक अभिनेत्री का है। यह वीडियो उसी प्रकार से शूट किया गया है। जिस प्रकार से आजकल लोग प्रीवेडिंग का जश्न मनाते हुए शूट करते हैं।वीडियो तमिल अभिनेत्री शालिनी का है। यहां, यह बताना जरूरी नहीं है कि वह अभिनेत्री है या कोई नेता? मुख्य मकसद यह है कि वह एक महिला है।
अब सवाल उठता है कि क्या इस विषय को इतना ट्रोल किया जाना चाहिए?
आश्चर्य होता है। यह देखकर जब समाज में कोई पुरुष तलाक लेता है। तब लोग उस पर अंगुलिया नहीं उठाते। वहीं जब एक महिला तलाक की प्रक्रिया से गुजरती है। या वह पहल करती है। तो समाज उसे ट्रॉलर करने लगता है। ऐसा क्यों? क्या महिला, महिला होने से पहले मनुष्य नहीं है?
तलाक की प्रक्रिया भारत में कितनी जटिल, तनावग्रस्त और शर्मसार है। यह किसी से नहीं छिपा। ऐसे में अक्सर लोग आत्महत्या का रास्ता भी चुनना बेहतर समझते हैं। तलाक की प्रक्रिया से गुजरती हुई। महिला समाज में हेय दृष्टि से देखी जाती है । रातो रात लोगों की धारणा उसके प्रति बदल जाती हैं। कल तक जो लोग उसे विवाह पार्टी और अनुष्ठान में बुलाते थे वह अब उससे आंखें चुराने लगते हैं।
समाज और लोगों का व्यवहार उस महिला के चरित्र और उसकी मंशा पर संदेह, शक करने लगता है। ऐसे में अधिकांश महिलाएं तलाक की अपेक्षा समझौता करना बेहतर समझते हैं। और हमारी न्यायपालिका भी इसी राह चलती है। लेकिन कभी-कभी पानी सिर से इतना अधिक हो जाता है। दम घुटने लगता है। ऐसे में कुछ साहसी महिलाएं तलाक का रास्ता भी चुनती हैं।
यह एक आसान प्रक्रिया नहीं है ।बड़ी-बड़ी कॉर्पोरेट जगत में काम करने वाली महिलाएं हो या फिर समाज की आम महिला उसे भी इस दर्द को झेलना पड़ता है। लेकिन ऐसे में तमिल अभिनेत्री शालिनी के तलाक फोटोशूट करवाने का वीडियो एक दिलचस्प घटना है। जिसमें वह तलाक को फेलियर नहीं मानती। जीवन का एक पड़ाव मानती है। वे एक टॉक्सिक रिश्ते से निकलकर शांति से जीवन जीने का जश्न मनाती हुई महिलाओं को मेंटल सपोर्ट दे रही है।