-चौथे चरण से पहले कांग्रेस और भाजपा ने रणनीति का गियर बदला
-मोदी ने अचानक अंबानी-अडाणी को लाकर कांग्रेस को घेरा
-कांग्रेस ने भ्रष्टाचार के मुद्दों से किनारा किया
Dr. Urukram Sharma: हिन्दुस्तान की अगली सत्ता किसे मिलेगी, इसकी जंग चल रही है। जंग के तीन चरण हो चुके हैं, यानि लोकसभा की आधी सीटों 283 पर मतदान हो चुका है। चार चरण का मतदान होना शेष है। अब तक के तीन चरण के मतदान ने एनडीए और इंडी गठबंधन की नींद उड़ा रखी है। राजनीतिक विश्लेषक खुलकर यह बताने की स्थिति में नहीं है कि सरकार किसकी आ रही है। हालांकि दोनों ही गठबंधन अपनी सरकार बनने के प्रति आश्वस्त हैं, लेकिन चार जून को मतगणना के बाद ही चिज्ञ सामने आ पाएगा।
अंबानी-अडाणी पर बोलना क्यों बंद किया
पहले तीन दौर के मतदान के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रचार में अपना गियर बदल लिया है। अब वे सीधे तौर पर कांग्रेस को उलझाने में लगे हैं। चौथे दौर के मतदान में अचानक से तेलंगाना की तीन सभाओं में मोदी ने कांग्रेस पर सीधा वार करके राहुल गांधी से सवाल किया है कि आखिर अंबानी-अडाणी पर बोलना क्यों बंद किया? कितना माल इनसे कांग्रेस को मिला है? कांग्रेस ने अभी तक इसका पलटवार नहीं किया है। हालांकि प्रियंका गांधी ने जरूर संक्षिप्त रूप से कहा है कि यह मुद्दों से ध्यान भटकाने की मोदी की चाल है। पहले तीन चरण के प्रचार में मोदी पूरी तरह से राम मंदिर, मुस्लिमों को आरक्षण देने जैसे मुद्दों पर लोगों का ध्यान आकृष्ट करते रहे। साथ ही राहुल गांधी को शहजादा बताते हुए वार किए।
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लोकसभा चुनाव में भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाया
अगले चार चरण में 260 सीटों पर फैसला होना है। इनमें जिसने बाजी मारी, सरकार उसी की बनेगी। यह सोचकर ही कांग्रेस और भाजपा ने प्रचार की रणनीति बदली है। कांग्रेस और राहुल गांधी ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाया था। जनता ने उसे स्वीकार नहीं किया। 2019 में तो राफेल को लेकर वो आक्रामक रहे, परिणाम 2014 से ज्यादा 2019 में मोदी के खाते में सीटें आई। कांग्रेस के रणनीतिकारों ने अपनी नीति बदलकर राहुल को सलाह दी कि जनता का मूड भ्रष्टाचार के मामले को लेकर नहीं है। इन मुद्दों पर मोदी को घेरना संभव नहीं होगा। क्योंकि मोदी के 10 साल के शासन में कोई भी भ्रष्टाचार का मामला सामने नहीं आया है। इसलिए राहुल गांधी ने चुनाव में इस मुद्दे पर चुप्पी साध कर संविधान खत्म करने के मुद्दे को हर सभा में हवा देने का सुनियोजित काम किया। कांग्रेस के रणनीतिकारों ने यह भी सलाह दी है कि महंगाई, बेरोजगारी जैसे आम जन से जुड़े मुद्दों पर ही मोदी को घेरा जाए तो ज्यादा कारगर साबित होगा।
हिन्दू-मुस्लिम वोटों को बांटने का काम किया
मोदी ने पूरी तरह से वोटों को ध्रुवीकरण पर भी फोकस कर लिया है। कांग्रेस घोषणा पत्र के संपत्ति सर्वे के मुद्दे को पूरी ताकत से उछाला जा रहा है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस सत्ता में आ गई तो हिन्दुओं की संपत्ति लेकर मुसलमानों को दे दी जाएगी। एक तरह से हिन्दू-मुस्लिम वोटों को बांटने का काम किया। महिलाओं के वोटों को हासिल करने के लिए कहा जा रहा है कि कांग्रेस गठबंधन की सरकार आ गई तो महिलाओं का मंगलसूत्र भी छीन लिया जाएगा। हर सभी में राहुल व प्रियंका को इसकी सफाई देनी पड़ रही है। कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने तो मोदी से मिलने का समय मांगा है, ताकि सामने बैठकर कांग्रेस के घोषणा पत्र पर बहस कर सके।
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