Dusra Ashra Dua: रमजान का माहे मुबारक चल रहा है। आज भारत में 21 मार्च को दसवां रोजा रखा गया है। रमजान को तीन अशरों में तकसीम किया गया है। अभी पहला अशरा चल रहा है जो कि रहमत का अशरा होता है। मान्यता है कि रमजान के शुरु के 10 दिनों में जो बंदा रोजे रखता है और नमाज पढ़ता हैं तो उस पर अल्लाह की खास रहमत नाजिल होती है। दूसरा अशरा मगफिरत का होता है। यानी दूसरे अशरे में 11 रमजान से 20 रमजान (Dusra Ashra Dua) तक अपने गुनाहों की माफी मांगी जाती है। रमजान के दूसरे अशरे की एक मख़सूस दुआ है जो कि रोजाना पढ़नी चाहिए। जो मुसलमान दूसरे अशरे में ये खास दुआ (Dusra Ashra Dua) पढ़ता है तो उस पर मौला की खास नज़रे इनायत होती है। हम आपको हिंदी में दूसरे अशरे की वो दुआ बताने जा रहे हैं, साथ ही अरबी और अंग्रेजी में उसका अनुवाद भी बताएंगे ताकि दुआ सीधे दिल में उतर जाए। आप सबसे दरख़्वास्त है कि हमें भी अपनी दुआओँ में शामिल करें।
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दूसरे अशरे की दुआ हिंदी में
(Dusra Ashra Dua)
अस्तग़्फिरुल्लाह रब्बी मिन कुल्लि ज़म्बिन वा आतूबु इलैह
Ramzan Ke Dusre Ashre Ki Dua का हिंदी अर्थ
मैं अपने सभी गुनाहों के लिए अपने रब, अल्लाह पाक से माफ़ी मांगता हूँ और उसकी ओर मुड़ता हूँ
Ramzan Ke Dusre Ashre Ki Dua in Roman English
Astaghfirullah Rabbi min kulli zambin wa atubu ilaih.
Ramzan Ke Dusre Ashre Ki Dua in English
I ask forgiveness of my sins from Allah who is my Lord and I turn towards Him.
Ramzan Ke Dusre Ashre Ki Dua in Urdu
میں اپنے رب اللہ تعالیٰ سے اپنے تمام گناہوں کی بخشش مانگتا ہوں اور اسی کی طرف رجوع کرتا ہوں۔
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दूसरा अशरा क्या है?
अशरा मतलब दस दिनों का समूह। रमजान को तीन अशरों में बांटा गया है। पहला अशरा 1 से 10 रमजान तक रहता है, जिसे रहमत का अशरा कहा जाता है। वही दूसरा अशरा मगफिरत का होता है। जो कि 11 रमजान से 20 तक रहेगा। इसके बाद तीसरा और आखिरी अशरा आएगा। 21 से 30 रमजान तक का अशरा जहन्नम की आग से आजादी का होता है।
दूसरे अशरे की फजीलत
रमजान के शुरू के दस दिन गुजरने के बाद आज 21 मार्च 2024 की शाम से दूसरा अशरा शुरू हो जाएगा। जिसे मगफिरत का अशरा कहा जाता है। इसमें अल्लाह अपने बंदों की मगफिरत करता है और उनके गुनाहों को माफ करता है। इसी तरह तीसरा अशरा यानी रमजान माह के अंतिम दस दिन जहन्नम की आग से आजादी के होते हैं। इसलिए सभी को चाहिए कि वह रमजान के दूसरे अशरे में कसरत के साथ कुरआन की तिलावत करें और अल्लाह से मगफिरत की दुआ मांगे।