जयपुर। Friendship Day एक ऐसा दिन होता है जब एक सच्चा दोस्त दूसरे दोस्त से मिलकर अपने मन की सारी बातें बताने समेत उसके सुख दुख का हाल जरूर पूछता है। यह दोस्ती चाहे बचपन की रही हो या जवानी में हुई हो। सच्चे दोस्त हमेशा एक दूसरे का साथ प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से निभाते हैं। अगर यही बात भारत के साथ दोस्ती निभाने वाले देशों की कर तो इस मामले में हम बेहद भाग्यशाली है। क्योंकि भारत की ऐसे देशों से दोस्ती है जिसें निभाने के लिए वो हमेशा तैयार रहते हैं। युद्ध हो या शांति काल भारत के ये दोस्त देश हमेशा हमारी मदद करने के लिए तैयार रहते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं भारत के उन 5 सबसे घनिष्ट मित्र देशों (India Best Friend Countries) के बारे में…
रूस ही दुनिया के एक ऐसा देश है जो सोवियत संघ के समय से ही भारत के साथ हमेशा खड़ा रहा है। भारत और रूस की मित्रता सिर्फ लेन-देन तक सीमित नहीं बल्कि भारत का परमाणु कार्यक्रम हो या अंतरिक्ष कार्यक्रम, सभी जगह रूस ने हमारी हरसंभव मदद की है। आपको बता दें कि 1962 में जब अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन ने कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद में भारत के खिलाफ वीटो लगाया तो रूस ने ही भारत के पक्ष में वीटो का यूज किया था। 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ तो अमेरिका पाकिस्तान की मदद करने जा रहा था तब रूस ने भारत के साथ आकर अमेरिका और ब्रिटेन को पांव पीछे करने पर मजबूर कर दिया था। उस समय अमेरिकी नौसेना को बंगाल की खाड़ी की तरफ बढ़ता देख रूस ने भारत की मदद के लिए अपनी परमाणु पनडुब्बियों व विध्वंसक जहाजों को हिंद महासागर की ओर भेज दिया था। इतना ही नहीं बल्कि उस युद्ध में रूस ने भारत को आधुनिक हथियार भी दिये थे। इनमें उस समय सबसे अत्याधुनिक फाइटर जेट मिग-21 भी शामिल था। भारत व रूस के बीच 9 अगस्त, 1971 को 20 वर्षीय सहयोग संधि पर हस्ताक्षर हुए थे जिनमें संप्रभुता के प्रति सम्मान और एक-दूसरे के हितों का ध्यान रखना, अच्छा पड़ोसी बनना और शांतिपूर्ण वातावरण कायम करने जैसे मुद्दे शामिल थे। इसके बाद 1993 में इन्हीं मूल सिद्धांतों पर भारत और रूस ने शांति, मैत्री और सहयोग की नई संधि की। इसी वजह से आज भी रूस भारत के सबसे भरोसेमंद मित्र देशों की सूची में सबसे ऊपर है।
भारत का एक और पुराना दोस्त इजरायल है जिसने हमारे साथ मिलकर कई मोर्चों पर लड़ाइयां लड़ी हैं। इजरायल को भारत ने 1950 में ही एक देश के तौर मान्यता दे दी थी। 1999 में जब पाकिस्तान से युद्ध छिड़ा तो इजरायल ने ही हमें खुफिया जानकारी उपलब्ध कराई थी। इजरायल ही भारत को सैन्य उपकरणों व हथियारों बड़ी सप्लाई करता है। इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद और भारत की रॉ एक साथ मिलकर कई मुश्किल मिशनों अंजाम दे चुकी हैं। भारत को इजरायल से तकनीक, खेती की आधुनिक तकनीक, साइबर सुरक्षा आदि क्षेत्रों हमेशा मिलती रहती है।
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भारत और फ्रांस की दोस्ती 1998 में परवान चढ़ी जो अब काफी प्रगाढ़ हो चुकी है। 1998 में एक ऐसा रणनीतिक समझौता हुआ जिस पर दोनों देश 25 सालों में खरे उतरते उतर रहे हैं। फ्रांस से इस समझौते के तुरंत बाद 1998 में ही भारत ने पोखरण में परमाणु परीक्षण किया। उस समय पूरी दुनिया ने भारत के साथ संबंध तोड़ लिए थे। लेकिन फ्रांसीसी राष्ट्रपति जैक शिराक ने दोस्ती निभाई। उस समय कुछ देशों ने भारत को हथियार देने से मना कर दिया लेकिन फ्रांस ने इस दौरान साथ खड़ा रहा। फ्रांस ने भारत को राफेल एयरक्राफ्ट से लेकर पनडुब्बी तक अलग—अलग रक्षा उत्पादों का निर्यात किया है। सुरक्षा परिषद में फ्रांस ने भारत का साथ काउंटर टेररिज्म, आतंकियों को बैन करना, मिसाइल कंट्रोल रिजाइम आदि में दिया।
भारत और भूटान की दोस्ती का रिश्ता भी अटूट रहा है। भूटान के साथ भारत का रिश्ता भूगोल, इतिहास और संस्कृति के मेल से बना है। हर परिस्थिति में भूटान हमेशा भारत के साथ खड़ा रहा है। आपको बता दें कि भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने थिंपू में एक सम्मेलन में कहा था कि अगर कोई देश भूटान पर हमला करता है, तो उसें भारत पर हमला माना जायेगा और भारत उसका मुंहतोड़ जवाब देगा। भारत का लगभग प्रत्येक प्रधानमंत्री अपने कार्यकाल में कम-से-कम एक बार भूटान का दौरा जरूर करता है। पीएम मोदी ने तो 2014 में अपनी विदेश यात्रा की शुरुआत ही भूटान से की थी। वो 2019 में दूसरे कार्यकाल में भी भूटान जा चुके हैं। 2017 में डोकलाम विवाद में भी भारत भूटान के साथ मिलकर चीन के खिलाफ लड़ा।
भारत व जापान के बीच दोस्ती का लंबा इतिहास है। जापान की संस्कृति पर भारत में से वहां गए बौद्ध धर्म का स्पष्ट प्रभाव है। भारत के स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान जापान की सेना ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस की आजाद हिंद फौज को मदद दी थी। आज भारत में जापान की कई कंपनियां, जैसे टोयोटा, सोनी, होंडा, सुजुकी, यामाहा, तोशीबा, कवासाकी आदि स्थापित हैं और यहां के आर्थिक विकास में योगदान दे रही हैं। जापान ने हीं मेट्रो रेल और बुलेट ट्रेन जैसी परियोजनाएं भारत को दी हैं।
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