Ghazal ki Bahar : किसी ने क्या खूब कहा है कि “हम से पूछो कि ग़ज़ल क्या है ग़ज़ल का फ़न क्या, चंद लफ़्ज़ों में कोई आग छुपा दी जाए।” मशहूर शायर जावेद अख़्तर साहब के पिताजी श्री जाँ निसार अख़्तर साहब की ये पंक्तियां हमें गजल के बारे में बताती है। उर्दू शायरी में गजल का नाम बड़े ही एहतराम के साथ लिया जाता है। हजरात गजल के कुछ नियम होते हैं जिन्हें गजल की बहर या मीटर (Ghazal ki Bahar) कहते हैं। हम आपको इस पोस्ट में गजल के नियम बताएंगे। साथ ही ये भी बताएंगे कि ग़ज़ल में कितनी बहर होती हैं, जिनको सीखकर आप भी शानदार शायरी पेश कर सकते हैं। दरअसल हमारे शायर साहब ने भी कोरोना काल में ही गजल की बहर सीखी है। फिल्मी गानों में भी बहर काफी इस्तेमाल होती है। तो चलिए जान लेते हैं कि गजल क्या है, गजल का फ़न क्या है।
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ग़ज़ल क्या है (Ghazal Kya Hai)
फ़ारसी ज़बान में ग़ज़ल का मतलब (Ghazal Kya Hai) है कि अपनी महबूबा से प्यार भरी बातें करना उसकी तारीफ में कुछ पंक्तियां पेश करना। हालांकि कालांतर में हिंदी उर्दू कल्चर ने गजल को काफी बेहतरीन स्थान दिया है। आजकल प्यार मोहब्बत से परे सामाजिक मुद्दों पर भी गजल कही जाती है। शायरी की दुनिया में आमतौर पर गजल लिखने के बजाए गजल (Ghazal ki Babat pdf) कहना यूज किया जाता है। किसी भी शायर को बड़े मंच पर तभी मौका मिलता है जब वह बहर में शायरी करता है, यानी मीटर में गजल लिखता है। बहर (Ghazal ki Bahar) यानी नियमों का वो बंधन जिसके दायरे में रहकर गजल कही जाती है। कुल मिलाकर किसी भी अक्षर की ध्वनि के आधार पर उसे 1 या 2 नंबर दिया जाता है। नंबरों में शब्दों को तोड़ना तकती or तक़्तीअ (Ghazal ki Taqti pdf) कहलाता है। मिसाल के तौर पर गजल शब्द की तकती की जाए तो (ग+जल = गजल) इस शब्द में ग का नंबर है 1 और जल एक साथ बोला जा रहा है तो इसका वजन हुआ 2, तो इस तरह गजल की तकती है 12 यानी गजल शब्द को यूज करने पर 12 वजन लिया जाएगा।
ग़ज़ल की 32 बहर (Ghazal ki Bahar)
A. फ़ैलुन से बनी 6 बहरें
(1)फ़ैलुन फ़ैलुन (2 फ़ैलुन)
22 22
(2)फ़ैलुन फ़ैलुन फ़ैलुन फ़ै (3.5 फ़ैलुन)
22 22 22 2
(3)फ़ैलुन फ़ैलुन फ़ैलुन फ़ैलुन (4 फ़ैलुन)
22 22 22 22
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(4)फ़ैलुन फ़ैलुन फ़ैलुन फ़ैलुन फ़ैलुन फ़ै (5.5 फ़ैलुन)
22 22 22 22 22 2
धुन – दूल्हे का सेहरा सुहाना लगता है
(5)फ़ैलुन फ़ैलुन फ़ैलुन फ़ैलुन फ़ैलुन फ़ैलुन फ़ै (6.5 फ़ैलुन)
22 22 22 22 22 22 2
(6)फ़ैलुन फ़ैलुन फ़ैलुन फ़ैलुन फ़ैलुन फ़ैलुन फ़ैलुन फ़ै (7.5 फ़ैलुन)
22 22 22 22 22 22 22 2
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B. मुफ़ाईलुन 1222 से बनी 3 बहरें
1. (बहरे हज़ज मुसद्दस महजूफ़)
मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन फ़ऊलुन
1222 1222 122
2. (बहरे हज़ज मुसद्दस सालिम)
मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन
1222 1222 1222
3. (बहरे हज़ज मुसम्मन सालिम)
मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन
1222 1222 1222 1222
ये बहर सबसे आसान और सबसे ज्यादा इस्तेमाल होती है। जैसे कुमार विश्वास साहब की गजल कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है, इसी बहर पर लिखी गई है।
C. फ़ऊलुन 122 से बनी 3 बहरें
4. (बहरे मुतकारिब मुसद्दस सालिम)
फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन
122 122 122
5. (बहरे मुतक़ारिब मुसम्मन मक़्सूर)
फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़अल
122 122 122 12
6. (बहरे मुतकारिब मुसमन सालिम)
फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन
122 122 122 122
धुन – मुबारक हो तुमको ये शादी तुम्हारी
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D. फ़ाइलुन 212 से बनी 3 बहरें
7. (बहरे मुतदारिक मुसद्दस सालिम)
फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन
212 212 212
8. (बहरे मुतदारिक मुसम्मन अहज़ज़ु आख़िर)
फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ा
212 212 212 2
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9. (बहरे मुतदारिक मुसम्मन सालिम)
फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन
212 212 212 212
धुन – मेरे रश्के कमर तूने पहली नज़र
E. फ़ाइलातुन 2122 से बनी 5 बहरें
10. (बहरे रमल मुरब्बा सालिम)
फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन
2122 2122
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11. (बहरे रमल मुसद्दस महज़ूफ़)
फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन
2122 2122 212
12. (बहरे रमल मुसद्दस सालिम)
फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन
2122 2122 2122
13. (बहरे रमल मुसमन महज़ूफ़)
फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन
2122 2122 2122 212
धुन – आपकी नज़रों ने समझा प्यार के काबिल मुझे
इस बहर पर भी ज्यादातर फिल्मी गाने लिखे गए हैं। सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, ये गजल इसी मीटर पर लिखी गई है।
14. (बहरे रमल मुसम्मन सालिम)
फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन
2122 2122 2122 2122
F. मुस्तफ़इलुन 2212 से बनी 6 बहरें
15. (बहरे रजज़ मुरब्बा सालिम)
मुस्तफ़इलुन मुस्तफ़इलुन
2212 2212
16. (बहरे रजज़ मुसद्दस सालिम)
मुस्तफ़इलुन मुस्तफ़इलुन मुस्तफ़इलुन
2212 2212 2212
17. (बहरे रजज़ मुसम्मन सालिम)
मुस्तफ़इलुन मुस्तफ़इलुन मुस्तफ़इलुन मुस्तफ़इलुन
2212 2212 2212 2212
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18. (बहरे हज़ज मुसम्मन अशतर मक़्बूज़, मक़्बूज़, मक़्बूज़)
फ़ाइलुन मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन
212 1212 1212 1212
19. (बहरे हज़ज मुसम्मन मक़्बूज़)
मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन
1212 1212 1212 1212
धुन – जीना इसी का नाम है
20. (बहरे कामिल मुसम्मन सालिम)
मुतफ़ाइलुन मुतफ़ाइलुन मुतफ़ाइलुन मुतफ़ाइलुन
11212 11212 11212 11212
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मुरक़्क़ब बहर 12 हैं – अलग अलग रुक्न को जोड़ के
21. (बहरे खफ़ीफ मुसद्दस मख़बून)
फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ेलुन
2122 1212 22
इसमे दो छूट मिलती हैं
1122 1212 112 किया जा सकता है
धुन – तुमको देखा तो ये ख़याल आया
22. (बहरे रमल मुसद्दस मख़बून मुसककन)
फ़ाइलातुन फ़यलातुन फ़ेलुन
2122 1122 22
इसमे दो छूट मिलती हैं
1122 1122 112 किया जा सकता है
23. (बहरे मुजतस मुसमन मख़बून महज़ूफ)
मुफ़ाइलुन फ़यलातुन मुफ़ाइलुन फ़ेलुन
1212 1122 1212 22(112)
धुन – हमे तो लूट लिया मिलके हुस्न वालो ने
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24. (बहरे मज़ारिअ मुसमन अख़रब मकफूफ़ मकफूफ़ महज़ूफ़)
मफ़ऊल फ़ाइलात मुफ़ाईलु फ़ाइलुन
221 2121 1221 212
25. (बहरे मज़ारिअ मुसम्मन मक्फ़ूफ़ मक्फ़ूफ़ मुख़न्नक मक़्सूर)
मफ़ऊल फ़ाइलातुन मफ़ऊल फ़ाइलातुन
221 2122 221 2122
26. (बहरे रजज़ मख़बून मरफ़ू’ मुख़ल्ला)
मुफ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ऊलुन मुफ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ऊलुन
1212 212 122 1212 212 122
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27. (बहरे रजज़ मुसद्दस मख़बून)
मुस्तफ़इलुन मुफ़ाइलुन
2212 1212
28. (बहरे रमल मुसम्मन मख़बून महज़ूफ़)
फ़ाइलातुन फ़यलातुन फ़यलातुन फ़ेलुन
2122 1122 1122 22
इसमे दो छूट मिलती हैं
1122 1122 1122 112 किया जा सकता है
धुन – वो मेरी नींद मेरा चैन मुझे लौटा दो…
29. (बहरे रमल मुसम्मन मशकूल सालिम मज़ाइफ़ [दोगुन])
फ़यलात फ़ाइलातुन फ़यलात फ़ाइलातुन
1121 2122 1121 2122
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30. (बहरे हजज़ मुसमन अख़रब मक्फ़ूफ मक्फ़ूफ मक्फ़ूफ महज़ूफ़)
मफ़ऊल मुफ़ाईल मुफ़ाईल फ़ऊलुन
221 1221 1221 122
31. (बहरे हज़ज मुसम्मन अख़रब मक़्फूफ़ मक़्फूफ़ मुख़न्नक सालिम)
मफ़ऊल मुफ़ाईलुन मफ़ऊल मुफ़ाईलुन
221 1222 221 1222
धुन – होंठो से छू लो तुम मेरा गीत अमर कर दो
32. (बहरे हज़ज मुसम्मन अशतर मक़्फूफ़ मक़्बूज़ मुख़न्नक सालिम)
फ़ाइलुन मुफ़ाईलुन फ़ाइलुन मुफ़ाईलुन
212 1222 212 1222
धुन – तुम तो ठहरे परदेसी साथ क्या निभाओगे
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एक रुक्न दो बार रिपीट – मुरब्बा बहर
फ़ैलुन फ़ैलुन
22 22
एक रुक्न तीन बार रिपीट – मुसद्दस बहर
फ़ैलुन फ़ैलुन फ़ैलुन
22 22 22
एक रुक्न चार बार रिपीट – मुसम्मन बहर
फ़ैलुन फ़ैलुन फ़ैलुन फ़ैलुन
22 22 22 22
हमारे शायर का तआरुफ़ (Introduction of Our Poet)
पेशेवर राइटर होने के साथ ही इरफान अली एक शायर (Urdu Hindi Poet) भी है, गुलाबी नगरी जयपुर में रहते हैं और M.Tech (Electronics and Communication) किया हुआ है। ज़िन्दगी की धूप में तपकर और 18 सालों का तजुर्बा हासिल करके इंजीनियरिंग लेक्चरर से लेकर बैंकर, फैक्ट्री मैनेजर और अब बतौर कंटेट राइटर इरफान अली अपने लाजवाब लफ़्ज़ों से लोगों को अपना बना रहे हैं। गरीब नवाज़ की नगरी अजमेर के बिजयनगर शहर के रहने वाले इरफान भाई खाड़ी देशों की ख़बरों (Middle East News) के एक्सपर्ट और इस्लामिक कंटेंट के माहिरीन माने जाते हैं। Rockshayar (रॉकशायर) के नाम से हिंदी उर्दू शायरी लिखते हैं। इनके पिटारे में हर टॉपिक पर कविता और शायरी मौजूद रहती हैं।