सोने में निवेश, क्या सही होगा इस साल?
शादियों का सीजन है। ऐसे में सोना खरीदना तो बनता है। लेकिन इस बार भी सोना सबके चैन चुरा कर सोने नहीं दे रहा। सोना खरीदने वालों की मुसीबत बढ़ती जा रही है। शादियों के सीजन होने से मांग पूर्ति वक्र भी अपना रंग दिखा रहा है। जिसके चलते शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में सोने की मांग में थोड़ी नरमी भी आई है। जयपुर सर्राफा बाजार में सोना गुरुवार को अचानक तेज हो गया बाजार में सोना ₹400 प्रति 10 ग्राम चढ़कर ₹61000 के पार पहुंच गया। सोने के साथ-साथ चांदी ने भी अपना रंग दिखाया वह भी ₹500 चढ़कर ₹72000 प्रति किलोग्राम के पार चली गई।
क्यों बढ़ गए हैं सोने के दाम?
क्या शादी की वजह से ही सोने के दाम बढ़े हैं या फिर कोई और भी कारण है? अक्सर देखा गया है। जब-जब अमेरिकी डॉलर टूटता है तब-तब सोने में उछाल होता है। सच तो यह है कि यह ग्लोबल इंटरनेशनल कमोडिटी है। पूरी दुनिया में सोने की विश्वसनीयता सबसे बड़ी है। मोटे तौर पर इसकी प्राइसिंग डॉलर में तय होती है। जब-जब डॉलर का अवमूल्यन होता है। तब-तब सोना ऊंचाइयां छूता है। पिछले साल यूएस डॉलर इंडेक्स सितंबर में 114 के स्तर पर था। वह अब घटकर 103 पर पहुंच गया है। देखा जाए तो पिछले 7 माह का सबसे निचला स्तर है, यह। इसमें गिरावट के और भी कई कारण हैं जैसे कोविड-19, रूस-यूक्रेन युद्ध, ताइवान पर तनातनी।
अमेरिका के केंद्रीय बैंक की माने तो जब-जब बाजार में अनिश्चितता का माहौल होता है। तब-तब ऐसी स्थिति देखने को मिलती है। सोना एक ऐसा निवेश है जो हमेशा अच्छा रिटर्न देता आ रहा है। जब-जब बाजार में शेयर मार्केट, स्टॉक मार्केट में भी अनिश्चितता देखने को मिलती है। तब-तब सोने में निवेश सोने पर सुहागा लगता है। अतः इस बार फिर सोने में बड़े बुल की उम्मीद की जा रही है। डॉलर के मुकाबले रुपए की कमजोरी भी सोने में अच्छा मुनाफा देता है इस साल सोने में निवेश से कम से कम 10% रिटर्न की उम्मीद है। डॉलर टर्म्स में रिटर्न 12 से 14% तक हो सकता है?