गुजरात के बिलकिस बानो केस को लेकर आज Supreme Court ने बड़ा फैसला सुनाते हुए दोषियों की रिहाई पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की रिहाई का फैसला रद्द करते हुए याचिका को सुनवाई योग्य मान लिया है। SC ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि, महिला सम्मान की हकदार है। क्योंकि अगस्त 2022 में गुजरात सरकार ने बिलकिस बानो गैंगरेप केस में उम्रकैद की सजा काट रहे सभी 11 दोषियों को रिहा करने का फैसला किया था। लेकिन बिलकिस की तरफ से दोषियों की रिहाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
Supreme Court का बड़ा फैसला
Supreme Court ने बिलकिस बानो गैंगरेप मामले के 11 दोषियों की समय से पहले रिहाई के Gujarat Government के फैसले को निरस्त कर दिया है। जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि सजा अपराध रोकने के लिए दी जाती है। 11 दोषियों की रिहाई को चुनौती देते हुए उन्हें वापस जेल भेजने की मांग की थी जो आज पूरी हो गई है।
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Gujarat Government ने रिहाई का लिया फैसला
दोषियों की रिहाई पर फैसला गुजरात सरकार ने फैसला किया था लेकिन बिलकिस ने कहा कि जब केस का ट्रायल महाराष्ट्र में चला था, फिर गुजरात सरकार फैसला कैसे ले सकती है। इस केस 11 दोषी 15 अगस्त 2022 को आजादी के अमृत महोत्सव के तहत रिहा किए थे।
बिलकिस का गैंगरेप गुजरात दंगों में हुआ था
साल 2002 में गुजरात में हुए Godhra incident के बाद दंगे भड़के थे। दंगों के दौरान दाहोद जिले के लिमखेड़ा तालुका में रंधिकपुर गांव में उग्र भीड़ ने बिलकिस बानो के घर पर हमला बोल दिया। इस दौरान दंगाइयों से बचने के लिए बिलकिस एक खेत में छिप गई और उस समम बिलकिस की उम्र 21 साल थी जो 5 महीने की गर्भवती भी थीं। इसके बाद भी दंगाइयों ने बिलकिस का गैंगरेप किया गया था।