Gyanvapi Case: श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि महाराज ने अपने 75वें जन्मदिन के अवसर पर एक आयोजित कार्यक्रम में कहा है कि अयोध्या के बाद अगर ज्ञानवापी और कृष्ण जन्मभूमि मंदिर (Gyanvapi Case) हमें मुस्लिम भाईचारे से दे दें तो हम अन्य मंदिरों की बात करना बंद कर देंगे।
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हाथ जोड़कर अपील
गोविंद देव गिरि ने मुस्लिम भाईयों के आगे हाथ जोड़कर अपील करते हुए कहा कि ज्ञानवापी और कृष्ण जन्मभूमि हिंदुओं को सौंप देना चाहिए। ये आक्रांताओं द्वारा तोड़े गए थे और विदेशी हमलों में हजारों हिंदू मंदिर तोड़े गए थे। (Gyanvapi Case) अगर हम इन जगहों का विवाद भाईचारे के साथ खत्म कर देते हैं तो भाईचारा बढ़ेगा। मुस्लिम समुदाय के इन दो मंदिरों के शांतिपूर्ण समाधान के लिए तैयार हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसा नहीं होना देना चाहते हैं।
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा
राम मंदिर के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ा है लेकिन वर्तमान पीढ़ी सौभाग्यशाली है कि रामलला को उनके स्थान पर देखा है। यह वास्तव में भगवान के आशीर्वाद और इच्छा के कारण ऐसा हुआ है। (Gyanvapi Case) अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद ही ज्ञानवापी मस्जिद के सीलबंद तहखाने के अंदर पूजा करने की अनुमति मिल गई। यह हमारे धर्म की आस्था का प्रतिक है कि दो दिन में ही 3 लाख भक्त दर्शन भी कर चुके हैं।
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6 फरवरी को व्यास तहखाने में पूजा पर अहम सुनवाई होगी
6 फरवरी को इलाहाबाद हाई कोर्ट में व्यास तहखाने में पूजा को लेकर अहम सुनवाई होगी। वाराणसी की जिला अदालत ने व्यास तलगृह में पूजा की अनुमति दी थी और इसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। (Gyanvapi Case) हाई कोर्ट ने तत्काल राहत देने से इनकार करते हुए नई याचिका दायर करने के लिए कहा था।