स्थानीय

ज्ञानवापी वुजूखाना मामले में 1 अक्टूबर को होगी सुनवाई, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिए आदेश

Gyanvapi case : ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर वाराणसी में हिंदू और मुस्लिम समुदाय में तकरार बनी हुई है। इलाहाबाद हाई कोर्ट में इसकी अगली सुनवाई 1 अक्टूबर को होगी। न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने याचिकाकर्ता राखी सिंह के पुनपरीक्षण याचिका पर यह आदेश पारित किया। राखी सिंह ने यह पुनरीक्षण याचिका वाराणसी के जिला न्यायाधीश द्वारा 21 अक्टूबर 2023 को पारित आदेश को चुनौती देते हुए दायर की थी। आइए जानते है क्या है पूरा मामला?

न्याय हित में बुजूखान क्षेत्र का सर्वेक्षण जरूरी

जिला न्यायाधीश ने ज्ञानवापी मस्जिद में बुजूखाना क्षेत्र (कथित शिवलिंग को छोड़कर) का सर्वेक्षण करने का ASI को निर्देश देने से मना कर दिया था। अदालत में श्रृंगार गौरी की पूजा अर्चना वाद में शामिल याचिकाकर्ताओं में से एक राखी सिंह ने अपनी पुनरीक्षण याचिका में दलील दी। न्याय हित में बुजूखान क्षेत्र का सर्वेक्षण जरूरी है क्योंकि इससे अदालत को निर्णय पर पहुंचने में मदद मिलेगी। हिंदू पक्ष के वकील सौरभ तिवारी और अमिताभ त्रिवेदी ने दलील दी कि संपूर्ण संपत्ति का धार्मिक चरित्र निर्धारित करने के लिए वुजूखाना का ASI से सर्वेक्षण कराना जरूरी है। यह सर्वेक्षण उच्चतम न्यायलय के आदेश के मुताबिक, गैर आक्रामक पद्धति का उपयोग करके संभव है। ASI वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर का पहले की सर्वेक्षण कर वाराणसी के जिला न्यायाधीश को अपनी रिपोर्ट सौंप चुका है।

यह खबर पढ़ें: दिल्ली की नई CM आतिशी के पति भी है खास, जानें कैसे शुरू हुई प्रेम कहानी

औरंगजेब ने कराया था ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण

पिछले कई दशकों से हिंदू समुदाय ज्ञानवापी मस्जिद को शिव मंदिर होने का दावा करता आया है और मुस्लिम समुदाय ज्ञानवापी के नाम से जानता है। ज्ञानवापी के पुराने इतिहास के मुताबिक, काशी विश्वनाथ मंदिर और उससे सटी ज्ञानवापी मस्जिद को किसने बनवाया, इसको लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। आमतौर पर यह माना जाता है कि काशी विश्वनाथ मंदिर को औरंगजेब ने ध्वस्त कर दिया था और वहां एक मस्जिद का निर्माण किया गया था। चौथी और पांचवीं शताब्दी के बीच, चंद्रगुप्त द्वितीय, जिसे विक्रमादित्य के नाम से भी जाना जाता है, उसने गुप्त साम्राज्य के दौरान काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण करने का दावा किया। 1194 से 1197 तक, मोहम्मद गोरी के आदेश से मंदिर को काफी हद तक नष्ट कर दिया गया था और पूरे इतिहास में मंदिरों के विध्वंस और पुनर्निर्माण की एक श्रृंखला शुरू हुई। 1669 ईस्वी में मुगल सम्राट औरंगजेब के आदेश से मंदिर को ध्वस्त कर दिया और उसके स्थान पर एक ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण किया गया।

लेटेस्ट न्यूज से अपडेट रहने के लिए हमारे फेसबुक पेज व यूट्यूब चैनल से जुड़ें।

 

Mukesh Kumar

Recent Posts

Naresh Meena को लेकर हो रही महापंचायत में बढ़ी सियासत, किरोड़ी ने खोली पोल

Naresh Meena News : टोंक। राजस्थान में देवली उनियारा विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने…

4 घंटे ago

जयपुर में शहीद स्मारक पर यूथ कांग्रेस ने किया प्रदर्शन, पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर पाया काबू

Youth Congress Protest: शहीद स्मारक पर आज यूथ कांग्रेस ने आज जमकर हंगामा किया। प्रदर्शनकारियों…

4 घंटे ago

Hanuman Beniwal ने जयपुर अग्रिकांड में राहत पैकेज के लिए उठाई आवाज!

Hanuman Beniwal News : जयपुर। जयपुर-अजमेर राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुए दर्दनाक हादसे कई लाेगों को…

8 घंटे ago

Rajkumar Roat की पार्टी विधायक ने उठाई विधानसभा में मांग, गालीबाज डॉक्टर को करो सस्पेंड

Rajkumar Roat News : रतलाम। मध्यप्रदेश के रतलाम जिले की सैलाना सीट से भारत आदिवासी…

1 दिन ago

Jaipur fire News : जयपुर अग्निकांड पर भजनलाल सरकार के साथ खड़ा हुआ विपक्ष, कांग्रेस पार्टी ने ऐसे जीता सबका दिल

Jaipur fire News : जयपुर। राजधानी जयपुर के भांकरोटा क्षेत्र में केमिकल टैंकर फटने से…

1 दिन ago

Naresh Meena की रिहाई के लिए कांग्रेस ने उठाया ये बड़ा कदम, राज्य सरकार को लगाई लताड़

Naresh Meena News : राजस्थान उपचुनाव में देवली-उनियारा सीट पर थप्पड़ कांड से चर्चा में…

1 दिन ago