भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर लगे 6 बालिग पहलवानों के यौन शोषण केस में 27 जुलाई को MP-MLA कोर्ट में सुनवाई होगी। इससे पहले दिल्ली पुलिस की ओर से बृजभूषण के खिलाफ रॉउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट पेश की गई थी जिसमें बृजभूषण को राहत मिली थी। MP-MLA कोर्ट में मंगलवार को दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल 1500 पन्नों की चार्जशीट पर सुनवाई की जाएगी।
इस चार्जशीट में पहलवानों के मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयान को अहम आधार माना है। साथ ही बृजभूषण के खिलाफ 7 गवाह और यौन शोषण की कथित जगह पर उनकी मौजूदगी के भी सबूत भी मिले हैं। इस केस में बृजभूषण के अलावा WFI के असिस्टेंट सेक्रेटरी विनोद तोमर का नाम भी शामिल है। इस चार्जशीट की पहली सुनवाई पर कोर्ट ने इस मामले को MP-MLA कोर्ट में ट्रांसफर किया था। सोमवार को कोर्ट ने इस चार्जशीट की एक कॉपी शिकायतकर्ता पहलवानों को देने के लिए दिल्ली पुलिस को आदेश दिए थे।
बता दें कि भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने 15 जून को एक हजार पेज की दो चार्जशीट रॉउज एवेन्यू कोर्ट में दाखिल कीं। इनमें एक चार्जशीट 6 पहलवानों के आरोपों पर दाखिल की गई। वहीं, दूसरी नाबालिग के यौन शोषण के मामले में 550 पन्नों की क्लोजर रिपोर्ट है। इसके साथ ही दिल्ली पुलिस ने नाबालिग केस में यौन शोषण के कोई सबूत नहीं मिलने पर क्लोजर रिपोर्ट दी। पुलिस ने कैंसिलेशन रिपोर्ट में कहा, 'जांच में यौन शोषण के कोई सबूत नहीं मिले हैं। इसलिए इस केस को बंद कर रहे हैं।' नाबालिग पहलवान ने पूर्व में बृजभूषण पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे, लेकिन बाद में बयान बदलते हुए कहा कि कुश्ती ट्रायल में भेदभाव किया था।