संसद की नई बिल्डिंग के उद्घाटन का पेंच सुलझने के बजाय उलझता जा रहा है। पार्लियामेंट का इनोग्रेशन राष्ट्रपति से करवाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इस याचिका पर आज कोर्ट में सुनवाई की जाएगी। एडवोकेट जया सुकिन ने 25 मई को याचिका लगाई थी जिसमें कहा गया था कि संसद के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को नहीं बुलाना संविधान का उल्लंघन करना है।
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दायर याचिका के अनुसार राष्ट्रपति ही प्रधानमंत्री को नियुक्त करते है और प्रधानमंत्री की सलाह पर ही अन्य मंत्रियों की नियुक्ति की जाती है। राष्ट्रपति के पास संवैधानिक पदाधिकारियों को नियुक्त करने का अधिकार है। ऐसे में राष्ट्रपति को न बुलाना संविधान का अपमान करना है।
इन पार्टियों ने किया बहिष्कार
समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया है। इस समारोह को लेकर 20 विपक्षी पार्टियां विरोध कर रही है। विरोध करने वाली पार्टियां भाजपा, शिवसेना, शिरोमणी, अकाली दल, जनता दल, बसपा, अपना दल, तमिल मनीला कांग्रेस, बोडो पीपुल्स पार्टी, तेलुगू देशम पार्टी, YSR कांग्रेस, NPP, NPF, NDPP.SKM,JJP,RLJP,RPI,ITFT,AIADMK, BJD,IMKMK,MGP,AGP,AJSU है। राहुल गांधी ने कहा कि नई बिल्डिंग का उद्घाटन पीएम मोदी को नहीं राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को करना चाहिए। राष्ट्रपति देश की पहली नागरिक है इसलिए ये हक उनका है।