हिंदु पंचांग के अनुसार माघी पूर्णिमा 24 फरवरी को (Holi ka Danda 2024) होली का डांडा रोप दिया गया है। इसीलिए इस दिन को दंड रोपिन पूर्णिमा भी कहा जाता है। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार दण्ड रोपिणी पूर्णिमा के बाद शुभ कार्य नहीं किये जाते हैं। लेकिन इस बार ज्योतिषियों के अनुसार डांडा लगाने के बाद भी सूर्य की संक्रांति यानी संक्रांति तक सभी प्रकार के मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं। धर्मशास्त्र के अनुसार इस बार डांडा रोपण के बाद मांगलिक कार्य बंद नहीं होंगे।
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सभी धार्मिक कार्य पूरे होंगे
यह मान्यता है कि डांडा लगने के बाद विवाह, गृहप्रवेश, सगाई, नया व्यवसाय आदि पर रोक लग जाती है। शुभ कार्य पर रोक लग जाताी है लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। लेकिन शास्त्रीय मान्यता में ऐसा कोई उल्लेख नहीं है।(Holi ka Danda 2024) दण्ड रोपिणी पूर्णिमा के बाद शुभ समय होता है तो बिना किसी भय के शुभ कार्य किये जा सकते हैं। नया घर बनाने के लिए भूमि पूजन का कोई शुभ समय हो तो वह भी किया जा सकता है।
इस बार होंगे मांगलिक कार्य
दण्ड रोपिणी पूर्णिमा के बाद भी इस बार शुीा मुहूर्तों का क्रम जारी रहेगा। (Holi ka Danda 2024) विवाह शुरू करने के शुभ समय को इस बार कोई खतरा नहीं है। सूर्य की मध्य संक्रांति मलमास की श्रेणी में आती है। यह काल त्यागने योग्य कहा गया है। इस बार 14 मार्च से 14 अप्रैल तक मलमास रहेगा। चैत्र माह में शुभ कार्य करने से बचना चाहिए।
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होलिका दहन 2024
24 मार्च को होलिका दहन होगा और शुभ मुहूर्त देर रात 11 बजकर से लेकर 12 बजकर 27 मिनट तक है। (Holi ka Danda 2024) होलिका दहन के लिए 1 घंटे का समय मिलेगा। 25 मार्च को धुलंडी मनाई जाएगी।