Hussaini Brahmin : रमजान के मुबारक महीने में हम आपको हिंदी जबान में ऐसी ऐसी रोचक खबरों से वाकिफ करा रहे हैं, जिससे आपको इस्लाम के बारे में मजीद मालूमात हासिल हो रहे हैं। आपने कर्बला की जंग के बारे में तो सुना ही होगा। पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के नाती हजरत इमाम हुसैन को इसी मुहर्रम के महीने में कर्बला की जंग (680 ईसवी) में शहीद कर दिया गया था। लेकिन क्या आप जानते है कि भारत के ब्राह्मणों (Hussaini Brahmin) ने यजीद से इसका बदला लिया था। जी हां, कर्बला की जंग में हजरत इमाम हुसैन और बादशाह यजीद की सेना के साथ ही हिंदुस्तान के मोहियाल ब्राह्मणों ने भी अहम भूमिका निभाई थी। इन्हें हुसैनी ब्राह्मण भी कहा जाता है। आज हम आपको इसी तथ्य के बारे में बताने वाले हैं।
हुसैनी ब्राह्मण मोहयाल समुदाय के लोग हैं जो हिंदू और मुसलमान दोनों धर्मों से संबंध रखते हैं। इस समय हुसैनी ब्राह्मण सिंध, पंजाब, पाकिस्तान, महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली के अलावा अरब और भारत के अन्य क्षेत्रों में रहते हैं। हिस्ट्री ऑफ मुहियाल्स (History of muhiyals) नामक मशहूर किताब के अनुसार कर्बला की जंग के समय 1400 ब्राह्मण इमाम हुसैन का साथ देने ईराक गए थे। हालांकि उनके पहुंचने के पहले ही इमाम हुसैन को शहीद कर दिया गया था। लेकिन उन्होंने यजीद से इसका बदला लिया था।
जब इमाम हुसैन कर्बला की जंग में जा रहे थे तो उन्होंने मदद के लिए हिंदुस्तान के राजा और मोहयाल समाज के मुखिया राहिब सिद्ध दत्त खत लिखा था। जब तक खत भारत पहुंचा तब तक जंग शुरु हो चुकी थी। भारत से राहिब सिद्ध दत्त अपनी सेना लेकर कर्बला पहुंचे तब तक इमाम हुसैन शहीद हो चुके थे। आज भी करीब 125 हुसैनी ब्राह्मणों का परिवार पुणे में रहता है। हर साल ये लोग आम मुसलमानों की तरह मुहर्रम भी मनाते हैं। राहिब दत्त साहब के पूर्वजों के यहां मुहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन की दुआ से औलाद हुई थी। तब से ही दोनों परिवारों में आपसी मोहब्बत कायम थी।
कहा जाता है कि हुसैन ब्राह्मण, इमाम हुसैन की दुआ के बाद ही पैदा हुए थे। कहा जाता है कि जब राहिब सिद्ध दत्त के कोई संतान नहीं हुई तो उन्होंने पैगंबरे इस्लाम से औलाद की ख्वाहिश की। नबी ए करीम ने अपने नवासे इमाम हुसैन से उनके लिए दुआ करने को कहा। Husayn ibn Ali की दुआ के बाद राहिब जी के यहां 7 बेटे हुए और ये सभी इस कर्बला की जंग में शहीद हुए। तब से ये समुदाय खुद को हुसैनी कहता है।
हुसैनी ब्राह्मणों का संबंध महाभारत काल से माना गया है। वे स्वयं को अश्वत्थामा का वंशज मानते है। ऐसा कहा जाता है कि द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा महाभारत युद्ध में पांडवों के विजयी होने के बाद जान बचाने के लिए इराक चले गए थे। अश्वत्थामा ईराक में ही बस गए और उनके वंशज दत्त ब्राह्मण कहलाए जो अरब, मध्य एशिया और इराक में अपनी हुकूमत स्थापित करने में कामयाब हुए। आगे चलकर दत्त ब्राह्मण ही मोहियाल ब्राह्मण कहलाए जिन्होंने हजरत इमाम हुसैन के लिए कर्बला की जंग में यजीद के दांत खट्टे कर दिए।
भारत में इस समय कई मशहूर हस्तियां इसी हुसैनी ब्राह्मण से आती है। जिनमें दिवंगत मशहूर अभिनेता सुनील दत्त का परिवार भी शामिल है। यानी संजू बाबा हुसैनी ब्राह्मण समाज से ताल्लुक रखते हैं। इतना ही नहीं ये लोग मुहर्रम के दिन मातम भी मनाते हैं। उर्दू लेखक कश्मीरी लाल जाकिर, साबिर दत्त और नंद किशोर विक्रम भी हुसैनी ब्राह्रमण समुदाय से हैं। हुसैनी ब्राह्मण मुहर्रम के महीने में मुसलमानों के शिया संप्रदाय की सभी परंपराओं का पालन करते हैं। ऐसी और भी रोचक इस्लामिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट देखते रहे।
Naresh Meena News : जयपुर। समरावता थप्पड़ कांड के साथ पूरे देश में नरेश मीणा…
Naresh Meena News : देवली-उनियारा। नरेश मीणा राजस्थान की राजनीति में भूचाल लाने का दम…
Naresh Meena News : जयपुर। राजस्थान उपचुनाव की मतगणना शनिवार सुबह 8 बजे थ्री लेयर…
Naresh Meena News : जयपुर। राजस्थान में 7 विधानसभा सीटों पर हुए उप चुनाव का…
Jaipur News : जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (CM Bhajanlal Sharma) के निर्देश पर…
Madan Rathore News : जयपुर। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ (Madan Rathore) आज (गुरूवार) श्रीगंगानगर…