मणिपुर की हिंसा पिछले कई दिनों से जारी है और अब वहां हिंसा का अलग ही रूप देखने को मिल रहा है। यहां सेना का रास्ता रोकने का काम महिलाएं कर रही हैं। रविवार को भी यहां उग्रवादी संगठन कांगलेई यावोल कान्ना लुप के 12 सदस्यों को छुड़ाने के लिए महिलाओं ने पुलिस का रास्ता रोक लिया। यहां उग्रवादी संगठन के सदस्य अवैध हथियारों से सेना पर हमला कर रहे थे। जिन्हें बचाने के लिए यहां करीब 1500 महिलाएं एक साथ इकट्ठा हो गई और उनसे एक भी शख्स को न हटाने की बात पर अड़ गई।
ट्वीट से मिली जानकारी
मणिपुर के कांगपोकपी और यैनगांगपोकपी में तैनात जवानों का रास्ता सेना की ओर से बंद कर कर दिया गया और उन्हें आगे जाने से रोका गया। कहा जा रहा है यह जानकारी सेना के एक ट्वीट के जरिये मिली है। इन इलाकों में अवैध हथियारों से लोग फायरिंग कर सेना और जांच दलों का रास्ता रोक रहे थे।
अब तक 115 लोगों की मौत
मणिपुर में बीते दिनों दो समुदायों कुकी और मैतई में हिंसा हो रही है। यहां करीब 115 लोगों की मौते अब तक हो चुकी हैं। प्रदर्शन में महिलाएं भी बड़ी संख्या में भाग ले रही हैं। जो सरकार के खिलाफ प्रदर्शन के साथ जरूरी सामान की सप्लाई को भी बाधित कर रही हैं। दिल्ली में भी मणिपुर हिंसा को लेकर हुए प्रदर्शनों में महिलाओं ने ही भाग लिया था।
पहले भी सेना से भिड़ी थी यहां महिलाएं
मणिपुर में महिलाएं व्यापार और विरोध दोनों ही कामों में आगे रहती हैं। यहां महिलाएं कई बड़े आंदोलन कर चुकी हैं। यहां 2004 में महिलाओं ने असम राइफल्स के हेडक्वाटर पर एक बड़ा प्रदर्शन किया था। जिसमें आरोप था कि जवानों ने यहां की एक महिला को उठाकर उसका रेप करने के बाद हत्या कर दी थी।
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