जयपुर। भारत का केबल आधारित ब्रिज जल्द ही शुरू हो रहा है. इंडियन रेलवे के अधिकारियों के अनुसार इस पुल का काम लगभग पूरा हो चुका है. अंजी पुल नाम से यह ब्रिज जम्मू से 80 किलोमीटर दूर बन रहा है जिस पर 100 100 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ेंगी. रेलवे के अनुसार यह ब्रिज भूकंप से लेकर 40 किलो विस्फोटक सामग्री के विस्फोट को सहन करने में सक्षम होगा.
दोनों सिरे पर सुरंगें
अंजी पुल जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में पड़ता है. इसका निर्माण कटरा और रियासी स्टेशनों के बीच किया जा रहा है. यह कटरा और बनिहाल को एक महत्वपूर्ण लिंक बनाता है जो कि उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक का हिस्सा है. इस पुल के दोनों सिरों पर सुरंगें हैं. यहां कटरा छोर पर एक सुरंग 5 किमी लंबी है. वहीं, कश्मीर के छोर पर की सुरंग कुल 3 किमी लंबी है. इसकी दोनों सुरंगों में एक ट्रैक बिछाया गया है.
इतना ताकतवर है ब्रिज
अंजी ब्रिज का आखिरी डेक वाला हिस्सा, 213 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा का सामना करने के लिए डिजाइन किया गया है. इस पुल के 47 में से 41 सेगमेंट पूरे कर चुके हैं. केबल स्टे ब्रिज का सेंट्रल स्पैन 290 मीटर है. अब इसमें केवल 52.5 मीटर का हिस्से का काम पूरा होना बाकी है.
ऐसी है अंजी पुल संरचना
अंजी पुल का केबल वाला हिस्सा 472.25 मीटर है, जबकि पुल की कुल लंबाई 725.5 मीटर है, जिसे तटबंध सहित चार भागों में बांटा गया है. नींव से 193 मीटर लंबे इस पुल का डेक स्तर 51 मीटर है, जबकि डेक स्तर से ऊपर वाई-आकार का पायलॉन 142 मीटर का है.
120 साल तक चलेगा ब्रिज
रेलवे के अनुसार इस पुल की कोडल लाइफ 120 साल है. इस पुल पर एक एकीकृत निगरानी प्रणाली भी होगी. इसमें जगह-जगह सेंसर लगाएं जाएंगे. इस पुल को लेकर तेज रफ्तार हवाएं, अत्यधिक तापमान, भूकंप संभावित क्षेत्र, हाइड्रोलॉजिकल प्रभाव हर चीज का गहन अध्ययन किया गया है.
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