जयपुर। India Five Worst Landslides : भारत के दक्षिणी राज्य केरल के वायनाड जिले में मंगलवार को कई जगहों पर हुई भारी बारिश की वजह से अचानक लैंडस्लाइड हुआ जिसके चलते 151 से अधिक लोगों की मौत हो गई और 220 से अधिक लापता हैं। आशंका है है कि अभी सैकड़ों लोग मलबे में दबे हुए हैं जिनको निकालने का काम चल रहा है। इस वजह से मृतकों की संख्या और बढ़ने की संभावना है। हालांकि, हमारे देश में इससे भी भयंकर भूस्खलन हो चुके हैं जिनमें एक ही झटके में हजारों लोगों की जान चली गई और हजारों गांव पानी में बह गए। ऐसे में आइए जानते हैं भारत में हुए अब तक के 5 सबसे भयानक व विनाशकारी भूस्खलनों के बारे में…
भूस्खलन क्या होता है (What is Landslides)
वैज्ञानिकों के अनुसार भूस्खलन एक भूवैज्ञानिक घटना है, जिसमें चट्टान, मिट्टी और मलबे का ढलान अचानक खिसकता है। इसके पीछे का कारण विभिन्न प्राकृतिक और मानव निर्मित कारक होते हैं। केरल के वायनाड में आया भूस्खलन लगातार भारी बारिश के बाद चट्टान खिसकने की वजह से हुआ है जो कि पर्वतीय इलाका है।
भूस्खलन क्यों होता है (Landslides Reason)
वैज्ञानिकों के मुताबिक सामान्यत: भूस्खलन का कारण भारी बारिश, भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट, वनों की कटाई या फसल पैटर्न में बदलाव जैसी गतिविधियां होती हैं। इनके कारण ही भूस्खलन होने संभावना बढ़ जाती है। भूस्खलन अचानक से होता है जिसमें लोगों को संभलने का मौका भी नहीं मिलता। आइए जानते हैं भारत में हुई भूस्खलन की 5 बड़ी घटनाओं के बारे में जिनमें भयंकर तबाही मची…
केदारनाथ भूस्खलन त्रासदी (2013) (Kedarnath Landslide)
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ ज्योतिर्लिंग स्थित जो जहां पर बना मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यहां पर साल 2013 को विनाशकारी भूस्खलन आया था। इसका कारण यहां भारी बारिश और बाढ़ रही। भारत में हुई अब तक की सबसे भयानक प्राकृतिक आपदाओं में से यह एक रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस घटना में 5700 से अधिक लोगों की मौत हो गई और 4200 से अधिक गांव पानी में बह गए।
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मालिन भूस्खलन त्रासदी (2014) (Malin Landslide)
30 जुलाई 2014 को महाराष्ट्र के मालिन गांव में भारी बारिश के कारण भूस्खलन हुआ जिसमें लगभग 151 लोगों की मौत हुई व 100 से अधिक लोग लापता हुए।
मापला भूस्खलन त्रासदी (1998) (Mapla Landslide)
अगस्त 1998 में उत्तर प्रदेश के मापला में 7 दिनों तक लगातार बारिश की वजह से हुए भूस्खलन में 380 से अधिक लोगों की मौत हो गई और पूरा गांव दफन हो गया।
दार्जिलिंग भूस्खलन त्रासदी (1968) (Darjeeling Landslide)
4 अक्टूबर 1968 को पश्चिम बंगाल के सुंदर शहर दार्जिलिंग में भूस्खलन के बाद भयानक बाढ़ आई जिसमें 60 किलोमीटर लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग कई भागों में कट गया। इस भयानक त्रासदी में 1000 से अधिक लोगों की मौत हुई।
गुवाहाटी भूस्खलन त्रासदी (1948) (Guwahati Landslide)
असम के गुवाहाटी में सितम्बर 1948 को हुई भारी बारिश के चलते अचानक हुए भूस्खलन में भारी तबाही मची जिसके तहत एक पूरा गांव ही दफन हो गया। इस त्रासदी में कम से कम 500 लोग मलबे दब गई।
भारत में भूस्खलन का खतरा
भारत के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक हमारा देश अपनी भौगोलिक स्थिति की वजह से भूस्खलन के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है। भारतीय भूभाग 5 सेमी/वर्ष की दर से उत्तर की ओर खिसक रहा है जिससें जमीन में तनाव बढ़ता है और भूस्खलन घटनाएं होती हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा जारी भारत के भूस्खलन नक्शे में कुछ सबसे संवेदनशील क्षेत्रों को सूचीबद्ध किया गया है। इनमें बर्फ से ढंके क्षेत्रों के साथ ही देश का लगभग 12.6% हिस्सा भूस्खलन के प्रति काफी संवेदनशील है। इसमें करीब 66.5% क्षेत्र उत्तर-पश्चिमी हिमालय, 18.8% उत्तर-पूर्वी हिमालय और लगभग 14.7% पश्चिमी घाट क्षेत्र में स्थित है।