- एक दो नहीं सात नामों की है कहानी
- हर नाम के पीछे है रहस्य
- धर्म और इतिहास से जुड़े हैं नाम
जयपुर। भारत या इंडिया क्या होना चाहिए देश का नाम देश में मोदी सरकार एक बार फिर बड़ा फैसला लेने की तैयारी कर रही है। पहले भी कई बार चर्चा का विषय रह चुका संविधान से 'इंडिया' शब्द को हटाने का मुद्दा एक बार फिर से जोर पकड़ चुका है। मोदी सरकार की ओर से 18 से 22 सितंबर के बीच होने वाले संसद सत्र में भारतीय संविधान से 'इंडिया' नाम को हटाने के बिल को पेश करने तैयारी हो सकती है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत की ओर से लोगों को अपील की गई है कि 'इंडिया' नहीं भारत नाम का इस्तेमाल किया जाए। यदि ये नाम बदलता है तो लोगों की भावनाओं पर भी गहरा प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में कितने लोग जानते हैं भारत के नाम से जुड़े रहस्यों के बारे में कि यह नाम आखिर क्यों कब और कैसे पड़ा…
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हमारे भारत देश के प्राचीन काल में अलग-अलग नाम थे जैसे जम्बूद्वीप, भारतखंड, हिमवर्ष, अजनाभ वर्ष, आर्यावर्त। इतिहासकारों ने भी इसे हिंदुस्तान, हिंद, भारतवर्ष, इंडिया नाम से पहचान दी। इतने नामों में से भारत सबसे ज्यादा जाना गया। विष्णु पुराण में उल्लेख है कि 'समुद्र के उत्तर से लेकर हिमालय के दक्षिण तक भारत की सीमाएं हैं।
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धर्म से जुड़ी है अलग अलग मान्यताएं
विष्णु पुराण की मानें तो ऋषभदेव नग्न होकर जब गले में बांट बांधकर वन प्रस्थान के लिए गए तब उनके ज्येष्ठ पुत्र भरत के पास उत्तराधिकार आ गया। इस कारण देश का नाम भारतवर्ष पड़ा।
एक मान्यता यह भी है कि महाभारत में हस्तिनापुर के महाराजा दुष्यंत और शकुंतला के पुत्र का नाम भरत था। जिसके नाम पर देश का नाम भारत पड़ा। वहीं दावा किया जाता है कि सम्राट भरत के नाम पर देश का नाम 'भारतवर्ष' रखा गया। संस्कृत में वर्ष जोड़ने का अर्थ हिस्सा है।
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दशरथ के पुत्र और प्रभु और श्री राम के अनुज भरत के नाम पर देश का नाम भारत रखने की बातें भी मानी जाती हैं। श्रीराम चरित मानस की मानें तो भरत ने राम के वनवास जाने के बाद उनकी खड़ाऊ को सिंहासन पर रख राजकाज संभाला था। उनके इसी त्याग के कारण देश का नाम भारत रखा गया था।
क्यों हो रही है बदलाव की मांग
भारतीय संविधान अनुच्छेद-1 में भारत की परिभाषा में 'इंडिया, दैट इज भारत' मतलब 'इंडिया अर्थात भारत' शब्दों को काम में लिया जाता है। सरकार अब इस 'इंडिया' शब्द को निकालकर 'भारत' शब्द पर ही विचार कर रही है। 2020 में इस नाम के बदलाव को लेकर काम शुरू किया गया था। तब ही संविधान से 'इंडिया' शब्द को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिसमें इंडिया शब्द गुलामी की के भाव आने के कारण भारत या हिंदुस्तान करने की बात कही गई थी।
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कैसे बना भारत से इंडिया
अंग्रेजों के देश में शासन के समय सिंधु घाटी को इंडस वैली के नाम से जाना जाता था। तभी देश का नाम इंडिया पड़ा। अंग्रेजों को भारत और हिंदुस्तान बोलने में मुश्किल होती थी इसलिए इंडिया नाम चलन में आ गया।
हिंदुस्तान नाम
मध्य युग में तब तुर्क और ईरानी भारत आए थेे तब सिंधु घाटी यहां आए थे। उनसे स का उच्चारण ह में होता था। जिससे सिंधु का अपभ्रंश हिंदू हो गया। जो बाद में हिंदुस्तान बन गया।
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जम्बूद्वीप
जंबू पेड़ की वजह से जम्बूद्वीप नाम भारत को मिला था। विष्णु पुराण अध्याय 2 में जम्बू वृक्ष के फलों के बारे में कहा गया है।
भारत खंड
भारत का भाग यानी भारत की भूमि का हिस्सा। जिससे भारतखंड नाम पड़ा।
आर्यावर्त
आर्य भारत के निवासी थे। माना जाता है आर्यों ने देश को बसाया था। जिससे देश का नाम आर्यावर्त पड़ा।
हिमवर्ष
हिमालय के नाम से भारत का नाम हिमवर्ष कहा जाने लगा था।