साइंस और टेक्नोलॉजी जिस स्पीड से हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में अपनी मौजूदगी दर्ज करा रही है, उतनी ही तेजी से अपराध जगत भी अपनी जड़े मजबूत करता जा रहा है। नित नये तरीकों से लोग साइबर ठगी और डीपफेक का शिकार हो रहे है। इसी को मद्देनजर रखते हुए भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्धोगिकी मंत्रालय ने जल्द नये आईटी नियम लागू करने के संकेत दिये है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि बहुत शीघ्र ही नए आईटी नियम जारी कर दिये जाएंगे। अपने एक बयान में मंत्री महोदय ने कहा कि अगले सात से आठ दिनों में नए संशोधित आईटी नियम जारी कर दिये जाएंगे।
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क्या है डीपफेक जिसने इतना बवाल मचा रखा है
बीते कुछ दिनों में देश में डीपफेक एक बड़ा मुद्दा बनकर सामने आया है। डीपफेक यानी कोई भी आपका वीडियो या फोटो एडिट करके उसे आपत्तिजनक कंटेंट में तब्दील करके आपको ब्लैकमेल कर सकता है। आए दिन आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई की मदद से लोगों के डीपफेक वीडियोज और फोटो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा है। कृत्रिम बुद्धिमता का यह दुरुपयोग काफी खतरनाक साबित होता जा रहा है।
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डीपफेक तकनीक ने मशहूर हस्तियों को निशाना बनाया
कुछ समय पहले ही साउथ की मशहूर अभिनेत्री पुष्पा फेम रश्मिका मंदाना का एक डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने जब इसको लेकर सोशल मीडिया पर चिंता जाहिर की तो कई सेलेब्रिटीज ने भी इसको लेकर मांग उठाई थी कि भारत में इससे संबंधित कानून बनना चाहिए। इस घटना के बाद बॉलीवुड अभिनेत्री आलिया भट्ट का भी एक डीपफेक वीडियो वायरल हुआ। इन घटनाओं के बाद भारत सरकार ने कहा कि यह बहुत ही खतरनाक समस्या है और इस डीपफेक सिस्टम को हर हाल में रोकना होगा। कुछ महीने पहले महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने भी खुद की और अपनी बेटी सारा तेंदुलकर के डीपफेक वीडियो को लेकर लोगों को सावधान किया था।
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क्या नये आईटी नियम डीपफेक पर लगायेंगे अंकुश
सिर्फ नियम कानून बना देने से यह अपराध कम नहीं होने वाला है। हां, नियमों में संशोधन से ऐसे अपराधियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई ज़रुर की जा सकेगी। लेकिन उससे भी ज्यादा ज़रूरी है इस समस्या का तकनीकी समाधान खोजना। मतलब कि डीपफेक का तकनीकी तोड़ तलाश किया जाये। नियम कायदे अपनी जगह है, लेकिन अगर हमारे साइबर एक्सपर्ट ही इन शातिर अपराधियों से एक कदम आगे की सोचने रखने वाले बन सके तब जाकर कुछ बात बने। कुल मिलाकर डीपफेक के खिलाफ यह जंग साइबर विशेषज्ञों, पुलिस, जनता, नामी हस्तियों और सरकार सभी लोगों को मिलकर लड़नी और जीतनी होगी।