भारत इस साल जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है। जिसमें रोड़ा अटका ने का काम पाकिस्तान और तुर्किए ने मिलकर किया था। अगले हफ्ते कश्मीर में जी-20 की आगामी बैठक होगी। यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है।
क्योंकि इस क्षेत्र को लेकर पाकिस्तान और तुर्की ने हमेशा भारत विरोधी बयान दिए हैं। बिलावल भुट्टो का बयान इस समय गंभीरता से लेना चाहिए श्रीनगर में होने वाली इस बैठक में बहुत से मुद्दों पर बातचीत होगी। इस समय तुर्किए में राष्ट्रपति चुनाव चल रहे हैं। यह दौर अगले 1 महीने तक चलेगा। कल हुए इलेक्शन में किसी को भी बहुमत नहीं मिला है।
क्या तुर्की का गांधी एर्दोगन को रोक पाएगा?
रविवार को हुए चुनाव में जनता ने किसी को भी बहुमत नहीं दिया। इस चुनाव में कमाल केलिकदारोग्लू पार्टी को 45.0% वोट मिले। वही एर्डोगन की पार्टी एकेपी को 49. 4 पर्सेंट वोट मिले। जो कि कश्मीर में पाकिस्तान का समर्थन करती है। सत्ता पर काबिज होने के लिए वोट प्रतिशत 50% होना जरूरी है।
मीडिया रिपोर्ट की माने तो एर्डोगन के पास अगले 2 सप्ताह का समय है, अपने वोटर्स को रिझाने का। क्योंकि पहले राउंड में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला। इसकी वजह से 28 मई को दोबारा वोटिंग होगी।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर प्रभाव
तुर्किए के चुनाव अंतरराष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण माने जाते हैं। वही आगामी g20 सम्मेलन और इस पर इन नेताओं की बयानबाजी क्या रंग लाएगी? यह अगले 2 हफ्ते में पता चल जाएगा। आपको बता दें पिछले कुछ माह से तुर्किए ने प्राकृतिक आपदाओं को बहुत ही झेला है। वहां के राष्ट्रपति की घटिया बयानबाजी के बाद भी भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने खुलकर इस आपदा में उनका सहयोग किया। इतना ही नहीं वहां भ्रष्टाचार भी चरम पर है। ऐसे में आगामी चुनाव भारत पर भी प्रभाव डालने वाले हैं।