भूख प्यास और दिल दललाने वाली यातना भारत के कई युवाओं के सपनों का कुछ ऐसा ही हश्र हो रहा है। घर की तकलीफों को दूर करने के लिए और माता पिता के सपनों को पूरा करने के लिए पंजाब हरियाणा, बिहार, राजस्थान से कई युवा मुस्लिम देशों में जाते हैं। वहां जाते समय जितने बड़े सपने इनकी आखों में होते हैं उतना ही सूनापन वहां पहुंचने के बाद इनके जीवन में आता है। राजू, संदीप, टोनी और न जाने ऐसे कितने नाम हैं जो ये यातना झेल चुके हैं। दुबई, लीबिया, बेनगाजी, जुवाराह जैसी कई जगहें ऐसी हैं जहां ये लोग गए तो सही लेकिन लौट कर इस हालात में आए कि उनकी परिवार की रूह कांप गई।
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कैसे पहुंचते हैं
छोटे गांवों और कस्बों में रहने वाले भारतीय अपने सपने पूरे करने के लिए जब विदेशों में मिलने वाली अच्छी कमाई की बात सुनते हैं तो वे वहां जाते हैं। यहां जाने के लिए पहले तो इन्हें बड़ा खर्चा करना पड़ता है। इसके बाद वे ऐजेंट्स के हाथों विदेश रवाना होते हैं। यहां पानी या हवाई यात्रा कर वे पहुंचते हैं। लेकिन कई बार वे जहां के लिए निकलते हैं वहां न पहुंचकर अरब देशों में पहुंच जाते हैं। जहां कोई जानपहचान न होने के कारण वे लाचार हो जाते हैं। यही नहीं इनके सरकारी दस्तावेज भी यहां ले लिए जाते हैं।
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गुलाम बन करते हैं चाकरी
इन लोगों के साथ यहां पहुंचने के बाद या तो इन्हें ऐसी जगह काम पर लगा दिया जाता है जहां वे मजदूर होते हैं। यहीं नहीं यहां के नियमों में काम के घंटे भी मालिक ही तय करता है। जिससे इन्हें खाने के लिए भी समय नहीं दिया जाता। लगातार काम करने के बाद सोने के लिए भी न के बराबर समय दिया जाता है। ऐसे में या तो ये बहुत बीमार हो जाते हैं। या फिर मर जाते हैं। वहीं पेपर न होने के कारण वे देश भी वापस नहीं आ पाते।