भारत

‘आयरन लेडी’ 50 साल पहले घोटा था लोकतंत्र का गला, जानिए कैसे जुड़ा ये काला अध्याय

50 years of Emergency: आज से ठीक 49 साल पहले 1975 में देश में एक ऐसा फैसला लिया गया जो लोकतंत्र का सबसे ‘काला अध्याय’ बना था। भारत की तीसरी और पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25 जून को आपातकाल को लागू किया था और आज उस फैसले चार दशक पूरे हो गए है। आज तक आपातकाल के ‘आयरन लेडी’ के फैसले को गलत बताया जाता है, क्योंकि इस फैसले ने भारतीय राजनीति और समाज पर बहुत बुरा असर पड़ा था।

एमजेंसी

25 जून 1975 की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के अनुरोध पर देर रात देश के तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने आंतरिक आपातकाल लगाने का फैसला किया। जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 के अंतर्गत था इाक्र आपातकाल लागू होने के बाद सभी चुनाव स्थगित कर दिए गए और नागरिक अधिकारों को समाप्त किया तो जयप्रकाश नारायण ने इसे ‘भारतीय इतिहास का सबसे काला दौर’ कहा था।

CM भजनलाल शर्मा को खून से लिखा पत्र तो किसी ने मांगी इच्छामृत्यु, जानें पूरा मामला

Emergency लगाने की वजह

1967 से 1971 के बीच तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जबरदस्त वर्चस्व था और उनके पास इतना बहुमत था कि विपक्ष की आवाज भी वह दबा देती थी। इस दौरान कांग्रेस दो हिस्सों में विभाजित हो गई और इसके पीछे भी इंदिरा गांधी की चाल थी। विभाजन के बाद, इंदिरा गांधी की छवि तेजी से ज्यादा बढ़ने लगी।

कुर्सी जाने का डर

1971 में इंदिरा का “गरीबी हटाओ” का लोकलुभावन नारा इतना लोकप्रिय हुआ कि लोगों ने उन्हें भारी बहुमत से केंद्र में भेजा। लेकिन 1975 में कुर्सी जाने का डर सताने लगा क्योंकि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इंदिरा गांधी को चुनाव में धांधली का दोषी पाया और छह साल तक का प्रतिबंध लगा दियाा। लेकिन इंदिरा गांधी ने इसे मानने से इनकार कर दिया और 26 जून की रात को आपातकाल की घोषणा कर दी।

आकाशवाणी पर हुआ ऐलान

25 जून को तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने इंदिरा गांधी के अनुरोध पर ऑल इंडिया रेडियो पर प्रसारित अपने संदेश में उन्होंने कहा, “जब से मैंने आम आदमी और देश की महिलाओं के हित में कुछ प्रगतिशील कदम उठाए हैं, मेरे खिलाफ गहरी साजिश रची जा रही है। इसके चलते यह फैसला लिया गया।

​बिना वारंट के हुई गिरफ्तारियां

आपातकाल के दौरान नागरिकों के मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया और लोगों को बिना वारंट के गिरफ्तार किया जा सकता था। इनमें जयप्रकाश नारायण, जॉर्ज फर्नांडिस, घनश्याम तिवारी और अटल बिहारी वाजपेयी को आंतरिक सुरक्षा अधिनियम (मीसा) के तहत हिरासत में लिया गया। प्रेस पर भी सेंसरशिप लगा दी गई थी ताकि इस काले अध्याय का कोई लेख प्रकाशित नहीं कर सके। दहेज प्रथा को गैरकानूनी घोषित किया और बंधुआ मजदूरी को खत्म किया।

आपातकाल का अंत

21 मार्च 1977 को इमरजेंसी खत्म हुई और जनता ने इसका जवाब चुनावों में दिया। उनकी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा और उसके बाद जनता पार्टी की सरकार बनी और आपातकाल खत्म किया गया।

मानूसन जल्द देगा दस्तक, 25 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी

भारत में 3 बार लगा आपातकाल

स्वतंत्र भारत के इतिहास में अब तक तीन बार आपातकाल लगा है। पहली बार आपातकाल की घोषणा 1962 में जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री ने चीन से युद्ध होने के कारण लगाया। 26 अक्टूबर 1962 से 10 जनवरी 1968 तक लागू रहा। इसके बाद दूसरा आपातकाल 1971 में लगा, जब पाकिस्तान से युद्ध हुआ। दूसरे आपातकाल की घोषणा 3 दिसंबर 1971 को हुई थी।

Narendra Singh

Recent Posts

राजस्थान उपचुनाव में होगा गठबंधन! Sachin Pilot के बयान से खलबली

Sachin Pilot statement : जयपुर। राजस्थान में अक्टूबर-नवंबर में 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना…

1 घंटा ago

तिरुपति बालाजी मंदिर लड्डू में चर्बी, आखिर क्या है Tirupati Temple Row

Tirupati Balaji laddu controversy: तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसादम को लेकर इन दिनों हंगामा मचा…

2 घंटे ago

सीएम भजनलाल शर्मा ने की ब्रिटिश उप उच्चायुक्त स्टीव हिकलिंग से मुलाकात

CM Bhajanlal Sharma : जयपुर। प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (CM Bhajanlal Sharma) से मुख्यमंत्री…

2 घंटे ago

डिंपल मीणा हत्याकांड में कूदे किरोड़ी लाल, अब होगा बड़ा एक्शन

Dimple Meena murder case : शुक्रवार को डॉ. किरोड़ी लाल (Dr. Kirori Lal) के निवास…

3 घंटे ago

अय्यूब के प्यार में फंसी 50 महिलाएं, जज को भी नहीं छोड़ा

fraudster News : नई दिल्ली। आइए आज हम आपको एक ऐसे शातिर ठग के बारे…

4 घंटे ago

iPhone 16 बड़ा डिस्काउंट ऑफर…..80 हजार का मोाबइल अब 10 हजार में, जानिए कैसे?

Apple iPhone 16 : जयपुर। क्या आप आईफोन 16 सीरीज का फोन खरीदने जा रहे…

5 घंटे ago