Islam me Jihad : जिहाद एक ऐसा शब्द जिससे आजकल हर कोई वाकिफ है। कुरान में जिहाद का मतलब आत्म संघर्ष से है। जबकि कुछ लोगों ने इसे धार्मिक उन्माद का पर्याय मान लिया है। लव जिहाद, वोट जिहाद, इस्लामिक जिहाद न जाने कितने ही नाम देकर इस अवधारणा को गलत रूप दे दिया गया है। जबकि जिहाद का सही मतलब अगर लोगों की खोपड़ी में बैठ जाए तो दुनिया में आतंकवाद और खून खराबा बंद हो जाए। हम आपको जिहाद का सही मतलब (Islam me Jihad) बताएंगे। साथ ही कुरान में जिहाद के बारे में क्या लिखा है जिसका ढिंढोरा पीटकर ये आतंकवादी बार बार बेगुनाहों का खून बहाते हैं। इस पोस्ट को जमकर शेयर करें। हिंदू मुसलमान के चश्मे को हटाकर इंसानियत के नाते ये लेख जरूर पढ़ें। नफरत फैलाने वालों लोगों तक मेरी ये बात जरूर पहुंचाएं।
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जिहाद (Islam me Jihad) अरबी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ होता है “संघर्ष करना” इसका मूल शब्द जहद है, ये अरबी भाषा में हर प्रकार के संघर्ष के लिए उपयोग किया जाता है। जिहाद का अर्थ किसी की जान लेना, क़त्ल करना या किसी बेगुनाह को मारना बिल्कुल नही है। जैसा कि आजकल आतंकवादी इसका इस्तेमाल करते हैं जो कि गलत है। वही लव जिहाद नामक कोई भी चीज न तो इस्लाम में है, न ही कुरान शरीफ में है। ये सब सत्ताधीशों का किया धरा है जो कि मजहब की राजनीति करके अपना वोट बैंक बना रहे हैं।
जिहाद (Islam me Jihad) एक पवित्र शब्द एवं कर्म है जिसे कुछ संकीर्ण मानसिकता वाले लोगों ने तोड़ मरोड़कर धार्मिक उन्माद, लव जिहाद वोट जिहाद और न जाने क्या क्या रूप में पेश कर दिया है। जबकि वास्तव में जिहाद का मतलब अपने अंदर की बुराई से लड़ना होता है। कुरान में कहीं भी नहीं लिखा है कि किसी को मारने से जन्नत मिलेगी या काफिरों (नास्तिकों) को मारना सही है। काफिर शब्द का सही मतलब नास्तिक होता है न कि गैर मुस्लिम ये बात भी आज तक किसी को नहीं पता है।
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1) अपने हक़ के लिए संघर्ष करना जिहाद है।
2) अन्याय के खिलाफ लड़ना या संघर्ष करना जिहाद है।
3) सच्चाई के लिए जान की बाज़ी लगाना भी जिहाद है।
4) माता-पिता की सेवा करना भी जिहाद है।
5) अपनी इन्द्रियों पर काबू करना भी जिहाद है।
6) अपने वक्तव्यों से ज़ुल्म के खिलाफ लड़ाई भी जिहाद है।
7) अपनी कलम से इंकलाब लाना भी जिहाद बिल क़लम है।
8) इल्म यानी शिक्षा हासिल करने को भी जिहाद कहा गया है।
पवित्र कुरान शरीफ की कुल 6,236 आयतों में से लगभग 41 आयतों में जिहाद का जिक्र हुआ है। लेकिन कुरान में जो जिहाद बताया गया है वह नाइंसाफी, बुराई और जुल्म के खिलाफ लड़ने की ताकत देता है। मतलब आजकल जो जिहाद के नाम पर धार्मिक उन्माद पाकिस्तान, सीरिया और मुस्लिम देशों में परोसा जा रहा है वह सरासर झूठ है। कुरान (Quran me Jihad) कभी नहीं कहता है कि किसी गैर मुस्लिम को सताओ बल्कि इस्लाम को मोहब्बत और भाईचारे की बात करता है। अगर कोई ये कहता है कि उसे किसी को मारकर 72 हूरे जन्नत में मिलेगी तो वह पागल है और इस्लाम को जरा भी नहीं जानता है। ऐसे लोगों की इस्लाम को कोई जरूरत नहीं है।
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कई लोग जिहाद (Jihad Meaning Hindi) का मतलब पवित्र धर्म युद्ध से भी निकालते हैं जो कि सरासर गलत है, क्योंकि युद्ध के लिए अरबी भाषा में अलग शब्द जैसे ग़ज़वा या मग़ाज़ी का उपयोग किया जाता है। तो अगली बार जब आप इस शब्द का उपयोग करे तो पहले एक बार ज़रा ऊपर कही गई बातों और तथ्यों पर ज़रूर ग़ौर फ़रमा ले किसी की भी सुनी सुनाई बातों और दावों पर ना जाएं, बल्कि हर चीज़ को जांच परखकर फिर अपना ज़ेहन बनाएं।
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