Islamic Hijri Month: मुस्लिम कैलेंडर हिजरी संवत पर आधारित होता है। अंग्रेजी कैलेंडर सूर्य पर आधारित होता है जबकि हिजरी संवत (Islamic Hijri Month) चांद पर आधारित होता है। यही वजह है कि हर साल 11 दिन का अंतर आ जाता है। अभी 2024 में हिजरी साल 1445 चल रहा है। आज चांद दिखने पर शाबान का महीना शुरू हो जाएगा। हिजरी कैलेंडर में भी साल में 12 महीने होते हैं। शाबान के बाद पवित्र महीना रमजान आएगा। तो चलिए हम आपको बताते हैं कि इस्लामिक कैलेंडर (Islamic Hijri Month) में महीनों के क्या नाम होते हैं, और उनमें क्या त्योहार आते हैं।
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हिजरी कैलेंडर में 12 महीनों के नाम
1. अल-मुहर्रम – पहला महीना मुहर्रम का होता है। इसका मतलब है वर्जित, यानी इस पवित्र महीने में किसी भी युद्ध और लड़ाई की मनाही होती है। ताजिये इसी महीने की दस तारीख को निकाले जाते हैं। मुस्लिम इस महीने में शादी या कोई फंक्शन नहीं करते हैं।
2. सफ़र – हिजरी संवत का दूसरा महीना सफ़र होता है, जिसका मतलब खालीपन है। साल के इस वक्त में अरब में घर खाली रहते थे इसीलिए इसका नाम सफर रखा गया है।
3. रबी अल-अव्वल – तीसरे महीने में वसंत का मौसम आ जाता है। इसी पवित्र महीने में पैगंबर मुहम्मद साहब का जन्म हुआ था।
4. रबी’ अथ-थानी या रबी’ अल-अख़िर – इस चौथे महीने का मतलब है दूसरा और आखिरी वसंत।
5. जुमादा अल-ज़ला – पांचवे महीने का मतलब सूखी भूमि से है। यानी ये महीना ग्रीष्म ऋतु से पहले आता है।
6. जुमादा अल-अखिराह – छठा महीना भी गर्मी के मौसम में आता है।
7. रज्जब – सातवे महीने रज्जब का मतलब सम्मान और आदर होता है। ये दूसरा पवित्र महीना है जिसमें लड़ाई करने की मनाही है। इसी महीने में हाल ही में कुंडे का त्योहार मनाया गया है।
8. शाबान – आठवे महीने शाबान का मतलब है छितरा हुआ। इसी महीने में शब-ए-बारात का त्योहार मनाया जाता है। इस साल ये 25 फरवरी 2024 को आएगा।
9. रमजान – सबसे पवित्र महीना रमजान हिजरी कैलेंडर का नौवा महीना है। इस महीने में 30 दिन तक रोजे रखे जाते हैं। रमजान का मतलब होता है जलती गर्मी। रोजे में खाली पेट होने पर व्यक्ति की गुनाहों की इच्छा जल जाती है।
10. शव्वाल – दसवे महीने शव्वाल का मतलब है उठाना। इसी महीने के पहले दिन ईद-उल-फ़ितर यानी मीठी ईद मनाई जाती है।
11. जिल़काद या अल क़ायदा – 11वे महीने का मतलब होता है युद्धविराम। इस पवित्र महीने में भी युद्ध पर पाबंदी होती है।
12. अल-हिज्जाह या ज़िलाहिज्ज – हिजरी कैलेंडर के आखिरी और 12वे महीने में हज यात्रा की जाती है। इसी महीने की दस तारीख को बकराईद का त्योहार मनाजा जाता है। इस महीने के दौरान दुनियाभर से मुस्लिम तीर्थयात्री हज करने मक्का शरीफ जाते हैं।