जयपुर। इन दिनों चारधाम यात्रा को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह है। पूरे भारत भर से लोग चार धाम दर्शन के लिए उत्तराखंड आ रहे हैं लेकिन उनका आना राज्य के लिए आफत बन चुका है। यहां आने वाला पर्यटक भारी मात्रा में प्लास्टिक की बोतले, रैपर्स और दूसरे कचरा यहां छोड़ कर जा रहे हैं जो न केवल गंदगी फैलाता है वरन पर्यावरण के लिए भी नुकसानदेह है।
नगर पालिका ने शुरू की कचरे से कमाई
स्थानीय नगर पालिका प्रशासन ने बढ़ते कचरे से निपटने के लिए मास्टर प्लान बनाकर उस पर तुरंत कार्यवाही भी शुरू कर दी है। चार धाम यात्रा मार्ग के दौरान पड़े हुए प्लास्टिक कचरे को एकत्रित कर उसे रिसाइकल किया जा रहा है। जोशीमठ नगर पालिका ने इस कचरे को रिसाईकल कर अभी तक 1.02 करोड़ रुपए से अधिक की इनकम कमा ली है।
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ढाई लाख से अधिक प्लास्टिक बोतलें हैं शामिल
पिछले एक महीने में यहां पर नगर पालिका ने लगभग ढ़ाई लाख से अधिक प्लास्टिक बोतलें एकत्रित की हैं। ये बोतलें पानी, कोल्ड ड्रिंक और दूसरे ड्रिंकिंग लिक्विड्स की हैं। इन सभी को मिलाकर पालिका ने तीन टन से अधिक प्लास्टिक कचरा एकत्रित कर उसे रिसाईकल किया है।
इस काम के लिए नगर पालिका ने एक कॉम्पेक्टर मशीन भी लगाई है, साथ ही प्लास्टिक कचरे के निस्तारण के लिए 22 मजदूर लगाए गए हैं। ये सभी चार धाम यात्रा में आने वाला श्रद्धालुओं द्वारा फेंके गए कचरे को उचित ढंग से रिसाइकल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि इस समय चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता हटा दी गई है। जिसकी वजह से लोग भारी संख्या में यहां आ रहे हैं। पहले सीमित संख्या में रजिस्ट्रेशन किया जाता था, जिसके चलते चार धाम यात्रा पर कम श्रद्धालु आते थे और कम गंदगी होती थी।
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