Jumerat ki Dua: रमजान का मुकद्दस महीना चल रहा है। कल 21 मार्च 2024 को भारत में दसवा रोजा रखा जाएगा। इस्लाम में रमजान की तरह ही सप्ताह के सातों दिनों में जुमे का दिन और जुमेरात का दिन सबसे अफजल बताया गया है। यानी शुक्रवार के बाद अगर कोई दिन सबसे शुभ है मुस्लिमों के लिए तो वो गुरुवार का दिन है। जिसे उर्दू में जुमेरात भी कहा जाता है। भारत में मुसलमान जुमेरात की शाम को मरहूम के नाम की फातिहा लगाते हैं। साथ ही घर में अगरबत्ती जलाते हैं। मीठा बनाकर गरीबों को खिलाते हैं। लेकिन हम आपको एक ऐसी करामाती दुआ (Jumerat ki Dua) बता रहे हैं जिसे अगर आपने गुरुवार यानी कल 21 मार्च 2024 के दिन बाद नमाज के पढ़ लिया तो मालामाल हो जाएंगे। केवल 24 घंटे में आपकी हर इच्छा पूरी हो जाएगी। तो चलिए हम आपको Jumerat ki Dua हिंदी में बता देते हैं।
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जुमेरात को ये दुआ पढ़ें
(Jumerat ki Dua)
आपको बाद नमाज फज्र के ये दुआ अव्वल और आखिर दुरुद शरीफ के साथ 41 बार पढ़नी है। उसके बाद किसी से बात नहीं करनी है और चुपचाप रहना है कुछ देर के लिए। इस दुआ की बरकत से अगले ही दिन आपको अच्छी खबर मिल जाएगी। इँशाअल्लाह हमें रब पर यकीन है, आप भी मौला पर सच्चा यकीन और अकीदा रखें तभी वजीफा कारगर साबित होगा।
अल्लाहुम्मा इन्नी बिदहिम्म्ती अल इस्लामी अतावाससल्लू इलेयका
Allahumma inni bidhimmati al-islami atawassalu ilayka
O Allah, by the protective compact of Islam, I seek mediation with You!
हिंदी अर्थ – ऐ अल्लाह, मुझे आपकी पनाह में ले लो, इस्लाम की छाया में मुझे ध्यान नसीब करो।
اَللَّهُمَّ إِنِّي بِذِمَّةِ ٱلإِسْلامِ أَتَوَسَّلُ إِلَيْكَ
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जुमेरात को क्या करना चाहिए?
जुमेरात की शाम से ही जुम्मे का दिन शुरु हो जाता है। यही वजह है कि मगरिब की नमाज के बाद जो शख्स दुरूद शरीफ की कसरत करता है तो उसे बहुत ज्यादा सवाब मिलता है। गुरुवार के दिन मुस्लिम बंधु फातिहा लगाते हैं। जो बुजुर्ग कब्र में जा चुके हैं, उनकी मगफिरत की दुआएं करते हैं। कब्रिस्तान में जाकर उनके लिए फातिहा पढ़ते हैं। घर में मासूम बच्चों को मीठा खाना या लपसी बनाकर खिलाते हैं।