Phalodi Satta Bazar 24 April 2024: राजस्थान की शेष बची 13 लोकसभा सीटों पर 26 अप्रैल को दूसरे चरण में मतदान होगा। लेकिन इसमें बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट भी शामिल है जो इस समय सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बनी हुई है। इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों को जिताने के लिए पूरी ताकत लगा दी है लेकिन इसके बाद भी वह निर्दलीय प्रत्याशी के बीच कांटे की टक्कर में नहीं बन पा रही है। पिछले चुनावों में बीजेपी यहां रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल करती रही है लेकिन इस बार बीजेपी के लिए यह साख की बात बन गई है।
पश्चिमी राजस्थान की बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा सीट (Barmer Jaisalmer Lok Sabha Seat) देश की दूसरी सबसे बड़ी लोकसभा सीट है। इस सीट पर करीब 22 लाख मतदाता हैं और इस बार इस सीट पर त्रिकोणिय मुकाबला होने के कारण ज्यादा चर्चा में है। इस लोकसभा क्षेत्र में बाड़मेर जिले की बाड़मेर, चौहटन, शिव, गुड़ामालानी, बालोतरा जिले की बायतु पचपदरा सिवाना और जैसलमेर जिले की सीट आती हैं। इन सीटों में से 5 पर बीजेपी का कब्जा है. जबकि 2 पर निर्दलीय और 1 पर कांग्रेस को जीत मिली है। पहले इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा माना जाता था, लेकिन 2004, 2014 और 2019 में भाजपा ने इसको खत्म करते हुए रिकॉर्ड जीत हासिल की है।
यह भी पढ़ें: Phalodi Satta Bazar 21 April: मतदान घटने के साथ सट्टा बाजार के भाव से उड़ी नेताओं की नींद, 4 जून का इंतजार
बाड़मेर लोकसभा सीट पर पहले निर्दलीय उम्मीदवारों का कब्जा था और 1962 में तनसिंह ने जीत दर्ज की थी। उसके बाद कांग्रेस ने इस सीट पर कब्जा जमाया और 1980 से लगातार कांग्रेस के वृद्धि चंद्र जैन सांसद रहें। 1989 में कल्याण सिंह कालवी ने चुनाव जीतकर केंद्रीय मंत्री बने। इसके बाद इस सीट पर बीजेपी का कब्ज रहा है।
यह लोकसभा सीट राजस्थान के पश्चिमी इलाके में स्थित है और इन इलाकों में पेयजल, सड़क, शिक्षा, चिकित्सा सहित मूलभूत सुविधाओं के लिए लोग आज भी इंतजार कर रहे है। ऐसे में हर चुनाव में मूलभूत सुविधाएं ही बड़ा मुद्दा बनती है लेकिन अभी तक लोगों को यह सुविधा नहीं मिली है। रिफायनरी के आने से स्थानीय लोगों को रोजगार देने का मुद्दा हावी हुआ है।
भाजपा ने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी को प्रत्याशी बनाया है. वहीं कांग्रेस ने हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी छोड़कर पार्टी में शामिल हुए उम्मेदा राम बेनीवाल को प्रत्याशी बनाया है। दोनों ही पार्टियों ने जाट समाज के वोट बैंक को साधने के लिए जाट समाज के व्यक्ति को प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में शिव विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी ने भी निर्दलीय चुनाव में उतरकर मुकाबला रोचक बना दिया। भाटी स्थानीय को रोजगार मूलभूत सुविधाओं जैसे मुद्दों के साथ जनता के बीच जा रहे हैं तो भाजपा के कैलाश चौधरी पीएम मोदी के चेहरे पर चुनावी मैदान में हैं। उम्मेदा राम बेनीवाल दो चुनाव हारने के चलते सहानुभूति की लहर के सहारे वोट मांग रहे है।
निर्दलीयरविंद्र सिंह भाटी ने राजनीति की शुरुआत छात्र राजनीति से की है लेकिन देखते ही देखते 2023 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़कर विधायक बने। भाटी भाजपा के साथ जाना चाहते थे, लेकिन भाजपा के कई स्थानीय नेता उनके राह में कांटे बिछाने का काम किया और शिव विधानसभा सीट में राज्य सरकार द्वारा हेड पंप स्वीकृति की लिस्ट में भाटी की अनुशंसा पर दो हेड पंप और भाजपा से चुनाव लड़े प्रत्याशी की अनुशंसा पर 20 हेड पंप स्वीकृत होने के मामले ने सारा खेल बिगाड़ दिया। उन्होंने लोकसभा चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिय है और सोशल मीडिया पर उनके प्रति लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। सट्टा बाजार में तो उनकी जीत तय कर दी है और उनका भाव 10 पैसे है।
Jaipur Bulldozer Action: जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से 9 अप्रैल को अतिक्रमण के खिलाफ…
Starting a business usually means spending money on a shop, hiring staff, buying stock, and…
PESA Act : जयपुर। जनजातियों की रक्षा करने वाला विश्व के सबसे बड़े संगठन अखिल…
Rajasthan News : जयपुर। प्रदेश अग्रवाल महासभा राजस्थान के जिला अध्यक्ष टिल्लू रूंडल बन गये…
National Human Rights : जयपुर। नेशनल ह्यूमनराइट्स और एंटी करप्शन फोर्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ.…
Pumpkin News : अक्सर देखा जाता है कि किसान भाई गर्मीयों की शुरूआत में बाड़ी…