जयपुर। KAPY : मानसून के मौसम में भारत में केंद्र व राज्य सरकारों के साथ ही संस्थाओं व संगठनों द्वारा पेड़ लगाने के लिए कई तरह के कार्यक्रम चलाए जाते हें। कई लोग स्वप्रेरणा से पेड़ लगाकर उन्हें पालने का जिम्मा उठाते हैं। हालांकि, जो लोग पैसे लेकर पड़ लगाना चाहते हैं उनके लिए भी सरकार की तरफ से योजना है। इसके तहत 1 पेड़ लगाने पर सरकारी की तरफ से 125 रूपये दिए जाते हैं।
कृषि अरण्य प्रोत्साहन योजना
यह योजना (Krushy Aranya Protsahan Yojana) कर्नाटक वन विभाग द्वारा 2011-12 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य किसानों और आम जनता को अपने खेतों और ज़मीन पर पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित करना है। इस योजना में किसानों को काफी कम दाम पर पौधे उपलब्ध कराए जाते हैं। इतना ही नहीं बल्कि उन्हें प्रत्येक जीवित पौधे के लिए आर्थिक सहायता भी दी जाती है। इस योजना के तहत लोगों को एक पेड़ लगाकर उसें 3 साल तक संरक्षित करना होता है।
योजना का लाभ उठाने के लिए आवश्यक दस्तावेज
— आधार कार्ड की फोटो कॉपी
— आवेदक का पासपोर्ट साइज फोटो
— जहां पर पौधा लगाना है उस जमीन का विवरण
— भूमि का हाथ से बना नक्शा
— पौधों का विवरण (प्रजाति, पौधों की संख्या, पॉली-बैग का आकार आदि)
— आवेदक के बैंक खाते की डिटेल
1 पेड़ लगाने के मिलते हैं 125 रूपये
कृषि अरण्य प्रोत्साहन योजना के तहत पेड़ लगाने के लिए किसानों का मनोबल बढ़ाने और उनका खर्च कम करने के लिए सरकार की तरफ से प्रत्येक पौधे के लिए 125 रुपये दिए जाते हैं।
योजना का लाभ उठाने के लिए ऐसे करें आवेदन
— अपने पास के रेंज वन कार्यालय जाकर आवेदन पत्र प्राप्त करें।
— आवेदन पत्र में नाम, पता, फोटो, पहानी, भूमि का हस्त-नक्शा, पौधों का विवरण और बैंक अकाउंट डिटेल भरें।
— आवेदन पत्र के साथ 10 रुपये की रजिस्ट्रेशन फीस जमा करें।
— रजिस्ट्रेशन कराने के बाद नजदीकी नर्सरी से उचित दरों पर पौधे खरीदें।
कृषि अरण्य योजना के फायदे
— इस योजना का सबसे बड़ा फायदा पौधों की संख्या में वृद्धि होना है। यह योजना आम जनता व किसानों पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित करती है।
— इस योजना के तहत वन विभाग की नर्सरियों से किसानों को सब्सिडी दरों पर पौधे दिए जाते हैं।
— संरक्षित पौधों के लिए लोगों को वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाता है, जो उन्हें पौधों की देखभाल करने के लिए प्रेरित करता है।
— इस योजना के तहत प्रति पौधा 125 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
— विकसित पेड़ों से लोगों को फल, बीज, चारा, जलाऊ लकड़ी, लकड़ी और अन्य उपयोगी उत्पाद प्राप्त होते हैं।
— इस योजना में उन पेड़ों को लगाने पर प्रतिबंध है जिसका इस्तेमाल नहीं होता है या फिर वो वैध्य नहीं है।