जयपर। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की शानदार जीत हुई है। इसके बाद विपक्ष के हौसले 7वें आसमान पर हैं। इसी के चलते समान विचारधारा वाले कई विपक्षी दल इस सफलता को पूरे विपक्ष की जीत करार दे रहे हैं। वहीं, कांग्रेस भी सरकार के गठन के वक्त सभी विपक्षी दलों को इकठ्ठा कर पांच साल पुराना लम्हा दोहराना चाहती है। पार्टी वर्ष 2024 के विधानसभा चुनाव के लिए एकता के संदेश देने में जुट गई है।
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पूरा विपक्षी दल एकसाथ एक मंच आया था नजर
कांग्रेस की कोशिश है कि शपथ ग्रहण समारोह में जिस तरह 23 मई 2018 को कुमारस्वामी के शपथग्रहण समारोह में पूरा विपक्ष जमा हुआ था, ठीक उसी तरह इस बार भी शपथ ग्रहण समारोह में सभी विपक्षी दल एकसाथ एक मंच पर नजर आए। पार्टी ने इसकी संभावनाएं तलाशनी शुरू कर दी हैं।
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18 मई को होगा शपथ ग्रहण
कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री और नए मंत्रियों के नाम तय होने की उम्मीद है। ऐसे में 18 मई को शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है। पार्टी का कहना है कि अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है, इसलिए कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। कर्नाटक में कांग्रेस ने विधानसभा की 224 में से 135 सीट पर जीत दर्ज की है।
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भर दिया था भीड़ में उत्साह
आपको बता दें कि वर्ष 2018 में मु्ख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी की अगुआई में जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में विपक्ष के कई नेता शामिल हुए थे। तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समारोह की मुख्य आकर्षण थीं। इन तीनों नेताओं ने एक दूसरे को गले लगाया और उत्साही भीड़ का हाथ हिलाकर अभिवादन किया था।
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ये नेता आए थे नजर
जेडीएस के कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में एनसीपी के शरद पवार, सीपीएम के सीताराम येचुरी, सपा के अखिलेश यादव, राजद के तेजस्वी यादव, सीपीआई के डी. राजा, रालोद के अजीत सिंह और आंध्र प्रदेश के वरिष्ठ नेता चंद्रबाबू नायडू सहित कई विपक्षी दलों के नेता मौजूद थे।