दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लंबे समय से केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ एक्शन लेने के लिए विपक्षी दलों का साथ मांग रहे है। इसके लिए सीएम केजरीवाल कई राजनीतिक दलों से भी मुलाकात कर चुके हैं। अब तक कई दलों का समर्थन भी जुटा चुके हैं। लेकिन केंद्र के अध्यादेश को लेकर कांग्रेस ने केजरीवाल का साथ देने के लिए कदम पीछे कर लिए हैं। इसी को लेकर केजरीवाल अब कांग्रेस की स्थिति साफ करने जा रहे है।
पार्टियां कांग्रेस से मांगेगी अध्यादेश के खिलाफ एक्शन का जवाब
सीएम केजरीवाल ने विपक्षी दलों की बैठक को लेकर अपना एजेंडा बता दिया है। 23 जून को होने वाली विपक्ष की मीटिंग में शामिल होने से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन कर बताया कि बैठक में उनका खास मुद्दा किस विषय पर होगा। तो बता दें कि सबसे पहले केजरीवाल जिस मुद्दे को उठाएंगे वो है केंद्र के खिलाफ अध्यादेश और कांग्रेस का रूख स्पष्ट करना। इस दौरान वहां मौजूद सभी पार्टियां कांग्रेस से अध्यादेश को लेकर स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहेंगी।
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केजरीवाल ने आगे कहा कि विपक्ष की मीटिंग का सबसे पहला और अहम मुद्दा यही होगा। जिसने दिल्ली में लोकतंत्र खत्म कर दिया है। उन्होनें कहा कि मैं अपने साथ इस बैठक में संविधान की एक प्रति लेकर जाऊंगा। अन्य राज्यों को यह नहीं सोचना चाहिए कि दिल्ली आधा राज्य है इसलिए वहां इस अध्यादेश को लाया गया। ऐसा किसी भी राज्य में हो सकता है। ये लोग समवर्ती सूची को खत्म कर सकते हैं।
इन राज्यों की मिल चुकी सहमति
दिल्ली के मुख्यमंत्री को अब तक जेडीयू, आरजेडी, टीएमसी, शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी, बीआरएस और सीपीआई (एम) के साथ-साथ द्रविड मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने अध्यादेश के खिलाफ उनका साथ देने का वादा किया है।