Nipah Virus in Kerala: केरल में 'निपाह वायरस' का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। केरल के कोझीकोड में दो अप्राकृतिक मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग इस वायरस को लेकर सतर्क हो गया है। स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने दोनों मृतकों में से एक के रिश्तेदार को ICU में भर्ती करवाया है। दोनों पीड़ित प्राइवेट अस्पताल में भर्ती है।
साल 2018 में पहली बार केरल में निपाह वायरस का केस सामने आया था। उसके बाद साल 20121 में भी कुछ मामले संज्ञान में आये थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी इस निपाह वायरस को 'जूनोटिक बीमारी' बता चुका है। यह एक ऐसी बीमारी होती है जो जानवरों के माध्यम से इंसान में फैलती है।
डब्ल्यूएचओ कहता है कि निपाह वायरस (Nipah Virus) ना सिर्फ इंसानों के लिए बल्कि जानवरों के लिए भी घातक साबित हो सकता है। यह वायरस सूअरों जैसे जानवरों में भी गंभीर बीमारी बना सकता है। इस वायरस के संक्रमित होने से तीव्र श्वसन बीमारी और घातक एन्सेफलाइटिस जैसी गंभीर समस्या पैदा हो सकती है।
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निपाह वायरस के लक्षण कोविड-19 के समान हैं-
खांसी, गले में खराश, चक्कर आना, उनींदापन, मांसपेशियों में दर्द, थकान, एन्सेफलाइटिस (मस्तिष्क की सूजन), सिरदर्द, गर्दन में अकड़न, प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता, मानसिक भ्रम और दौरे।
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निपाह वायरस से बचने का उपाय-
निपाह वायरस से बचाव का कोई निश्चित उपाय नहीं है। इसका अभी तक कोई इलाज उपलब्ध नहीं है, लेकिन कोई भी सावधानी बरती जा सकती है। जमीन पर गिरे फलों को खाने से बचना चाहिए और सूअरों को खिलाने से बचना चाहिए और फलों से चमगादड़ों को दूर रखना चाहिए।
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