भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे रेसलर्स साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने सोमवार को विराम दिया। तीनों ही अपनी नौकरी पर वापस चले गए। इन तीन बड़े चेहरों के धरना स्थल के अचानक हटने से सभी आश्चर्यचकित थे। इन तीनों पहलवानों के वापस नौकरी जॉइन करने से महापंचायत के खाप किसान नाराज हो गए है। इसके चलते किसानों ने 9 जून को जंतर-मंतर पर होने वाले प्रदर्शन को टाल दिया है।
9 जून का विरोध प्रदर्शन रद्द
किसान नेताओं ने कुरूक्षेत्र में हुई महापंचायत में अल्टीमेटम दिया था कि 9 जून तक बृजभूषण गिरफ्तार न हुआ तो पहलवानों को खुद जंतर-मंतर बिठाकर आएंगे। लेकिन रेसलर्स के फैसले ने सब कुछ बदल डाला है। BKU के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कि फिलहाल ''प्रस्तावित विरोध को रद्द कर दिया गया है। सरकार ने प्रदर्शनकारी पहलवानों से बातचीत शुरू कर दी है। अब पहलवानों और सरकार के बीच बातचीत के नतीजे के आधार पर आगे के विरोध के बारे में फैसला लिया जाएगा।''
शाह और रेसलर्स के बीच की बात पता नहीं
खबरों के मुताबिक नरेश टिकैत ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह और पहलवानों के बीच क्या बात हुई है इस बारे में मुझे नहीं पता। तीनों पहलवानों ने खुद फैसला लिया है तो इसमें हम कुछ नहीं कर सकते। टिकैत ने आगे कहा कि जब उत्तर प्रदेश के सोरम पंचायत हुई थी, तब ही सरकारों के मैसेज आने शुरू हो गए थे। अब पहलवान जो बात करेंगे उसका समर्थन किया जाएगा।
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नौकरी पर लौटने के बाद ट्रोलिंग देख रेसलर बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होनें कहा कि अगर नौकरी इंसाफ के रास्ते में बाधा बनती दिखी तो उसको त्यागने में हम 10 सेकेंड का वक्त भी नहीं लगाएंगे। नौकरी का डर मत दिखाइए। बताया जा रहा है कि विनेश फोगाट के गांव में बलाली में 7 जून को सर्वखाप सर्वजातीय महापंचायत बुलाई गई है। इसकी अगुआई सांगवान खाप-40 करेगी। जिसमें विनेश फोगाट और संगीता फोगाट भी आएंगी।