खीर भवानी मेला रविवार
कश्मीरी पंडितों को गरिमा पूर्ण जीवन लौटाने के वादे के साथ गंदेरबल जिले के प्रसिद्ध रागन्या देवी मंदिर में मत्था टेकने पहुंची महबूबा मुफ्ती। रविवार को कश्मीरी पंडितों ने खीर भवानी मेले का आयोजन किया।
इस वार्षिक मेले में प्रवासी कश्मीरी पंडित विभिन्न स्थानों से जम्मू कश्मीर के रागन्या देवी मंदिर में पहुंचते हैं। मध्य कश्मीर जिले में चिनार के विशाल पेड़ों की छाया में स्थित इस रमणीय मंदिर में भक्तों की अपार भीड़ देखी गई। जिनमें से अधिकांश कश्मीरी पंडित थे। जो देश के विभिन्न भागों से यहां एकत्रित हुए थे।
आश्चर्यजनक और खास बात यह थी कि इस बार पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुक्ति भी मेले में शामिल हुई। मंदिर में काफी भीड़ थी। अनेक भक्त नंगे पैर चले आ रहे थे। गुलाब की पंखुड़ियां और प्रसाद के साथ माता को खीर अर्पित कर रहे थे। वहीं पुरुषों ने मंदिर के करीब स्थित जलधारा में डुबकी लगाई। हालांकि मंदिर में काफी भीड़ थी। फिर भी जोश और जुनून देखते ही बनता था। माता के जयकारे के साथ श्रद्धालुओं ने परिसर के भीतर दूध और खीर चावल की खीर चढ़ाते हुए देवी को साष्टांग प्रणाम किया।
प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम कर रखे थे। किसी प्रकार की अनहोनी ना हो इसके पुख्ता इंतजाम कर रखे थे। सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक यह मेला शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया। माना जाता है कि देवी के जन्मोत्सव पर वार्षिक मेले के इस अवसर पर यहां कश्मीरी पंडित पूजा -अर्चना करने पहुंचते हैं। इसके बिना उनकी पूजा अधूरी लगती है।
वही महबूबा मुफ्ती ने कहा घाटी में कश्मीरी पंडितों की गरिमापूर्ण वापसी के लिए, वे यहां प्रार्थना करने आई है। संवाददाताओं से कहा मैं यहां जम्मू और अन्य जगहों से आए हमारे कश्मीरी पंडित भाइयों का स्वागत करने आई हूं। हम यहां इन लोगों की गरिमा पूर्ण वापसी के लिए प्रार्थना करने के लिए आए हैं। ताकि एक बार फिर से कश्मीर घाटी में हिंदू मुस्लिम कश्मीरी एक साथ भाई चारे के साथ रहे।