Rat Hole Mining एक ऐसी पद्धति है जिसमें कुछ खनिक कोयला निकालने के लिए संकरे बिलों में जाना पड़ता है। यह पद्धति विवादित और गैर-कानूनी हैं। लेकिन उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में 17 दिन से फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने में इसी पद्धति का आज मंगलवार, 28 नवंबर को इस्तेमाल किया गया है। इस पद्धति का इस्तेमाल कभी पूर्वोत्तर के राज्य मेघालय में होता था। लेकिन देश में इस पद्धति के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई।
क्या है Rat Hole Mining पद्धति?
लेकिन आज इमरजेंसी में देश की सरकार और प्रशासन ने 41 मजदूरों को नई जिंदगी देने के लिए Rat Hole Mining का इस्तेमाल किया है। इस पद्धति में खनिक गड्ढे खोदकर चार फीट चौड़ाई वाले उन संकरे गड्ढों में उतरा जाता था, जहां सिर्फ केवल एक व्यक्ति की ही जगह होती थी। बांस की सीढ़ियों और रस्सियों की मदद से इस पद्धति में नीचे उतरा जाता था। इसके बाद गैंती, फावड़े और टोकरियों आदि का इस्तेमाल कर कोयला निकाला जाता था।
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विवादित क्यों है यह पद्धति?
Rat Hole Mining पद्धति को विवादित मानने की वजह 'खुदाई से सुरक्षा खतरे उत्पन्न' होना है। दरअसल, खनिक सुरक्षा उपाय किए बिना गड्ढे में उतर जाना कई बार हादसों को जन्म देता था। कई ऐसे मामले में बरसात में Rat Hole Mining की वजह से खनन क्षेत्रों में पानी भर गया और मजदूरों की जान चली गई। यही वजह रही कि साल 2014 में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने मेघालय में Rat Hole Mining पद्धति पर पूर्ण पाबंदी लगाने का फैसला किया था।