Phalodi Satta Bazar 21 April: राजस्थान में लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान समाप्त हो गया और मतदान कम होने के कारण नेताओं की नींद उड़ गई है। ईवीएम मशीनों को स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रखवाया गया है और मतगणना चार जून को आयोजित होगी, लेकिन इससे पहले सट्टा बाजार ने नेताओं की नींद उड़ा दी है। 2014 के बाद इस बार मतदान प्रतिशत 12 सीटों पर लगभग 5 प्रतिशत कम दर्ज किया है।
2014 और 2019 की तुलना में कम हुआ मतदान
राजस्थान में पहले चरण में प्रदेश की 12 सीटें – गंगानगर, बीकानेर, चूरू, झुंझूनूं, सीकर, जयपुर ग्रामीण, जयपुर, अलवर, भरतपुर, करौली-धौलपुर, दौसा और नागौर पर मतदान प्रकिया पूरी हो चुकी है। लेकिन निर्वाचन आयोग और स्थानीय प्रशासन की कोशिशों के बाद भी मतदान प्रतिशत बहुत कम रहा है। 2014, 2019 की तुलना में 2024 में कम वोटिंग हुई है।
यह भी पढ़ें: Phalodi Satta Bazar 19 April 2024: सट्टा बाजार ने खोल दिया कांग्रेस का खाता, पहले चरण की 3 सीटों पर कांटे की टक्कर
लोकसभा सीट 2024 और (2019) का मतदान प्रतिशत
दौसा : 55.21 (61.20%)
नागौर : 56.89 (62.15%)
जयपुर ग्रामीण : 56.58 (65%)
जयपुर : 62.87 (68.11%)
चूरू : 62.98 (65.65%)
अलवर : 59.79 (66.82%)
भरतपुर : 52.69 (58.81%)
करौली-धौलपुर : 49.29 (55.06%)
गंगानगर : 65.64 (74.39%)
बीकानेर : 53.96 (59.24%)
झुंझुनूं : 51.62 (61.78%)
सीकर : 57.28 (64.76%)
वोटिंग कम किसका होगा फायदा और नुकसान
57.87 फीसदी मतदान होने से दोनों ही पार्टियों की चिंता बढ़ गई है। यानी 2019 के मुकाबले करीब 5.84 फीसदी कम मतदान ने सभी को परेशानी में डाल दिया है। वोटिंग ट्रेंड की बात करें तो लोकसभा चुनाव में वोटिंग प्रतिशत घटता है कांग्रेस को ज्यादा फायदा होता है। जबकि जब-जब वोटिंग प्रतिशत बढ़ता है तो बीजेपी को बढ़त मिलती है। हालांकि यह ट्रेंड कितना सही होगा यह तो 4 जून को परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा।
Phalodi Satta Bazar का दावा
Phalodi Satta Bazar के भाव की बात करें तो पहले चरण की 2 से 3 सीटों पर कांग्रेस को जीत मिल सकती है। लेकिन इस जीत में भी उसे कड़ी टक्कर मिल सकती है और अब इंतजार 4 जून के परिणाम का करना होगा। Phalodi Satta Bazar ने तो पहले ही दावा कर दिया है कि इस बार राजस्थान में बीजेपी का मीशन 25 आसानी से पूरा नहीं होगा और कांग्रेस का इस बार खाता जरूरल खुलेगा।
कम मतदान का कारण
पहला कारण, शादियों का सीजन होना था और 18 अप्रैल को शादी का एक बड़ा मुहूर्त था।
दूसरा कारण, प्रत्याशियों ने इस बार अपनी जुबानी जंग की है और क्षेत्र की समस्याओं को लेकर ज्यादा नहीं बोला है। भाजपा ने विकास के
नाम पर वोट मांगे हैं तो कांग्रेस ने संविधान बचाने के नाम पर वोट मांगे।
यह भी पढ़ें: Phalodi Satta Bazar 21 April 2024: सट्टा बाजार ने कम वोटिंग को बताया BJP के लिए खतरा, कांग्रेस का खुल गया खाता!
तीसरा कारण, कार्यकर्ताओं ने लोगों से घर-घर जाकर संपर्क नहीं किया।
चौथा कारण ,तेज गर्मी ने भी मतदाताओं को घर से बाहर निकलने दिया।
सबके अपने-अपने दावे
कांग्रेस और भाजपा कम वोटिंग को अपने-अपने पक्ष में बता रही है। कांग्रेस का कहना है कि वोटिंग कम होने से हमेशा से ही कांग्रेस को फायदा हुआ है और जबकि भाजपा का कहना है कि इस बार मतदान कम होने के कई कारण है लेकिन मोदी को वोट किया है।