शराब घोटाले आजकल कुछ ज्यादा ही सुर्खियां बटोर रहे हैं। ऐसे में दिल्ली के बाद अब बारी आई है। छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले की। माना जा रहा है कि इस घोटाले को छत्तीसगढ़ के शीर्ष नेता, राजनेता और नौकरशाहों ( एडमिनिस्ट्रेटर )ने संरक्षित, समर्थित किया है।
इस बार ईडी के निशाने पर छत्तीसगढ़ है। प्रवर्तन निदेशालय ने कांग्रेस शासित राज्य में 2000 करोड रुपए के शराब घोटाले का भंडाफोड़ किया है। प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में शनिवार को मुख्य आरोपी अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया है और उसे 4 दिन की ईडी की हिरासत में भेज दिया गया है।
सुनियोजित और संगठित तरीके से संचालन
प्रवर्तन निदेशालय का मानना है कि इस मामले में मार्च के महीने में ली गई तलाशी और कई लोगों के बयान दर्ज किए गए। जिसमें दावा किया गया है 2019-20 के बीच 2000 करोड रुपए के लगभग मनी लॉन्ड्रिंग और बड़े-बड़े भ्रष्टाचार के सबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं।
साथ ही प्रवर्तन निदेशालय ने बयान जारी करते हुए कहा,"पीएमएलए जांच से पता चला है कि अनवर ढेबर के नेतृत्व में एक सुनियोजित, संगठित आपराधिक सिंडिकेट छत्तीसगढ़ राज्य में काम कर रहा था। दावा यह भी किया जा रहा है कि अनवर ढेबर को शीर्ष राजनेताओं और वरिष्ठ नौकरशाहों का संरक्षण प्राप्त है।
छत्तीसगढ़ में हुए इस घोटाले पर एक अधिकारी ने कहा अनवर ने बहुत बड़ी साजिश रची है। इस घोटाले को अंजाम देने के लिए और इसका एक बहुत बड़ा नेटवर्क वहां काम कर रहा है।
आपको बता दें, राजस्व आय प्राप्ति में शराब की भागीदारी आय का सबसे बड़ा स्रोत है। ऐसे में छत्तीसगढ़ कांग्रेस शासित प्रदेश में प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी पक्ष -विपक्ष पर आरोप-प्रत्यारोप के साथ-साथ शराब की गुणवत्ता और आपूर्ति संचालन के स्तर को लेकर कई सवाल उठने वाले हैं। जिस प्रकार से आए दिन जहरीली शराब से मौते हो रही हैं। उसे देखते हुए यह विषय संवेदनशील हो सकता है। ईडी का आरोप यह भी है कि उसने जांच से यह पता लगाया है कि अनवर ढेबर के नेतृत्व वाला अपराधिक सिंडिकेट, गिरोह इस समय छत्तीसगढ़ में नकली घटिया स्तर की शराब बेच रहा है।
शराब राज्य सूची का विषय है और इसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की है ऐसे में सभी 800 शराब की दुकानें राज्य द्वारा संचालित है छत्तीसगढ़ राज्य वित्त निगम लिमिटेड वहां बेची जाने वाली सभी शराब की खरीद को नियंत्रित करता है। यही नहीं वही इसकी आपूर्ति के लिए निविदाएं भी जारी करता है। प्रवर्तन निदेशालय ने बयान जारी करते हुए यह भी कहा है कि इसे राजनीतिक अधिकारियों के समर्थन के साथ-साथ अन्य उच्च अधिकारियों और नेताओं का भी समर्थन प्राप्त है। पूरी सप्लाई चैन की गहराई और गंभीरता से जांच शुरू हो गई है।
इसी के साथ इसे अलग-अलग पैटर्न में देखते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने अनवर ढेबर के कई ठिकानों पर छापेमारी की,लगभग 35 स्थानों पर छापेमारी हुई जहां से बेनामी सिम कार्ड, डोंगल और कई आपत्तिजनक सामग्री हाथ लगी है। कौन है इन घोटालों का मास्टरमाइंड जांच जारी है।