राहुल गांधी की 136 दिन की तपस्या आखिरकार पूरी हुई। मानहानि केस में राहुल गांधी के पक्ष में फैसला आने के बाद आज लोकसभा में सदस्यता फिर से बहाल की गई। राहुल गांधी को 23 मार्च को मोदी सरनेम केस में 2 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद राहुल गांधी की संसद की सदस्यता चली गई थी।
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लोकसभा सचिवालय की ओर से इसे लेकर अधिसूचना जारी की गई है। इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि स्पीकर ने आज फैसला लिया। हमने कानूनी प्रक्रिया का पालन किया है और सुप्रीम कोर्ट का आदेश मिलते ही तुरंत सदस्यता बहाल कर दी गई है। फिर से सदस्यता मिलने के बाद राहुल गांधी को संसद के मानसून सत्र के आखिरी सप्ताह में शामिल होने का मौका मिलेगा।
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4 अगस्त को SC ने लगाई रोक
बीते शुक्रवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाई थी। जस्टिस बीआर गवई, पीएस नरसिम्हा और संजय कुमार की बेंच ने राहुल गांधी के केस में यह फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर रोक लगाते हुए कहा कि राहुल गांधी को आगे ध्यान रखना होगा। उन्हें भाषण देते समय सावधानी बरतनी चाहिए थी।
क्यों हुआ राहुल का यह हाल
2019 में लोकसभा चुनाव से पहले एक रैली का आयोजन किया गया था। यह रैली कर्नाटक के कोलार में आयोजित की गई थी। यहां राहुल ने कहा था कि चोरों का सरनेम मोदी है। यही नहीं उन्होंने कहा था कि हर मोदी सरनेम वाला ही चोर क्यों होता है। फिर चाहे वो नीरव मोदी हो या ललित मोदी या फिर नरेंद्र मोदी। बस यही वो शब्द थे जो राहुल के लिए आत्मघाती साबित हुए हैं। यही नहीं राहुल पर अभी चार मानहानि के केस और भी चल रहे हैं।