जयपुर। मकर संक्रांति (Makar Sankranti) इस बार 15 जनवरी 2024 को है और उसी दिन से खरमास या मलमास खत्म हो रहा है। इसी के साथ ही मांगलिक कार्य शुरू हो रहे हैं। 16 जनवरी से शादियों की शहनाइयों की गूंज शुरू हो रही है। मकर संक्रांति के बाद से ही गृह प्रवेश, सगाई, मुंडन, जनेऊ संस्कार और कान छेदन, गृह निर्माण की शुरूआत के साथ नए व्यापार की शुरूआत की जाती है।
2024 में शादियों के 38 मुहूर्त हैं। हालांकि, मई व जून में शादियों के मुहूर्त नहीं हैं। शादियों के सबसे ज्यादा मुहूर्त फरवरी महीने में हैं। जनवरी माह में ही शादियों के 11 मुहूर्त हैं। मलमास खत्म होने से अब मार्केट में भी बूम आएगा। शादियों के लिए खरीदारी बढ़ेगी जिससें मार्केट में रौनक आएगी।
धनु राशि में गोचर में सूर्य के संक्रमण करने से पर खरमास या मलमास होते है। इस दौरान सनातन धर्म परंपरा में वर्जित विवाह आदि शुभ कार्य वर्जित हैं। पचांग के मुताबिक इस साल जनवरी, फरवरी, मार्च, अप्रैल, मई, जुलाई एवं नवंबर माह में विवाह के शुभ मुहूर्त हैं।
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जनवरी माह में 16,17, 20, 21, 22, 27, 28, 30 और 31 तारीखों को विवाह मुहूर्त है।
फरवरी माह में 01 04,05 06,07 08, 12, 13, 15 17 18 19, 24, 25, 26 28 और 29 तारीखों को विवाह मुहूर्त है।
मार्च माह में 01,02,03,04, 05, 06,07, 08 10, 11, 12 तारीखों को विवाह मुहूर्त है।
अप्रैल माह में 18, 19, 20, 21, 25, 26, 28 तारीखें को विवाह मुहूर्त है।
मई माह में 1 तारीख को विवाह मुहूर्त है।
जुलाई माह में 09, 10, 11, 12, 13 तारीखों को विवाह मुहूर्त है।
नवंबर माह में 16, 22 तारीखों को विवाह मुहूर्त है।
हालांकि, वर बधू की कुण्डली आदि पर विचार करके इन मुहूर्तो में से मांगलिक विवाह लग्न का मुहर्त आदि निर्धारित किए जाते हैं जिस वजह से वर व वधु का दाम्पत्य जीवन सुखद होता है ।
मकर संक्रांति के दिन भूल से भी रात का बचा हुआ या बासी खाना और तामसिक भोजन नहीं खाएं, नशा नहीं करें।
मकर संक्रांति के दिन किसी गरीब को घर से खाली हाथ नहीं लौटाएं।
मकर संक्रांति के दिन घर के अंदर या बाहर किसी पेड़ की कटाई-छंटाई भी नहीं करें।
मकर संक्रांति के दिन अपनी वाणी पर संयम रखें।
मकर संक्रांति के विशेष दिन पर सूर्य देव की पूजा होती है, जो लोग इस दिन अपने घर से दूर हैं, उन्हें सुबह स्नान के बाद एक लोटे जल में रोली और गुड़ मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। साथ ही गायत्री मंत्र या फिर सूर्य मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान सूर्य सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
मकर संक्रांति के दिन इस बार सूर्य देव 15 जनवरी की प्रातः काल 2 बजकर 54 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश कर रहें हैं। अतः 15 जनवरी सोमवार को मकर संक्रांति मनाई जाएगी।
मकर संक्रांति के दिन 5 चीजों का दान करना चाहिए जिनमें काले तिल, खिचड़ी, घी, कंबल, गुड़ का दान करना चाहिए।
मकर संक्रांति के दिन अक्सर लोग रंग-बिरंगे कपड़े और पीले रंग के कपड़े पहनते हैं। जोकि भारतीय परंपरा के अनुसार शुभ माना जाता है, लेकिन पश्चिम भारत में मकर संक्रांति के दिन काले रंग के वस्त्र पहने जाते हैं. हिंदू धर्म के किसी भी त्योहार के लिए काला रंग अशुभ माना जाता है.
मकर संक्रांति के दिन शुभ मुहूर्त में स्नान के बाद जूते, अन्न, तिल, गुड़, गरम वस्त्र, कंबल दान करने से शनि और सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन सबसे पहले गंगा या फिर किसी पवित्र नदी में स्नान करें।
मकर संक्रांति के दिन रात 9 बजकर 14 मिनट से सूर्यास्त तक लोग गंगा स्नान कर भगवान से अपनी मनोकामना के लिए आराधना कर सकते हैं। इसके अलावा सुबह 9 बजकर 20 मिनट से 10 बजकर 05 मिनट तक का समय शुभ रहेगा। इस मुहूर्त में पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य फल प्राप्त होता है।
मकर संक्रांति के दिन काला रंग शुभ माना जाता है क्योंकि यह गर्मी का प्रतीक है और माना जाता है कि यह सर्दियों के सबसे ठंडे दिन में आपको आरामदायक रखता है।
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मकर संक्रांति के दिन बनने वाली ग्रह गोचर की स्थिति बताती है कि इस अबकी बार मकर संक्रांति वृश्चिक, कन्या, वृषभ और मीन के लिए शुभ फलदायी रहेगी जबकि मकर, मिथुन, सिंह के लिए मकर संक्रांति प्रतिकूल फलदायी रहेगी।
मकर संक्रांति पर भगवान सूर्य की पूजा की पूजा की जाती है। उनके लिए व्रत रखा जाता है और दिनभर श्रद्धा के अनुसार दान दिया जाता है। इस दिन सूर्य के उत्तरायण होता है इसलिए इन सब चीजों का महत्व और बढ़ जाता है। पुराणों के अनुसार इस दिन तीर्थ या गंगा में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
मकर संक्रांति, मूल रूप से, सूर्य के मकर राशि में संक्रमण का प्रतीक है । "मकर" मकर राशि को संदर्भित करता है, और "संक्रांति" सूर्य की एक नई खगोलीय कक्षा में गति को दर्शाता है। यह खगोलीय घटना अंधेरे पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है, जो लंबे समय तक सूर्य की रोशनी वाले दिनों की शुरुआत करती है।
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि मकर संक्रांति के दिन जैसे ही मकर संक्रांति की शुरुआत हो सभी लोगों को चाहिए कि सुबह-सुबह उठकर सबसे पहले बहते हुए जल में किसी पवित्र नदी में, गंगा जी हों या कोई भी पवित्र नदी हो वहां जाकर सुबह-सुबह स्नान करें।
मकर संक्रांति पर सूर्य शनि देव से नाराजगी त्यागर उनके घर गए थे। मान्यता है इस दिन जल में काले तिल मिलाकर स्नान करने से शनि बेहद प्रसन्न होते हैं। साधक को 7 अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य फल प्राप्त होता है।
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