Masjid ki Dua : मुसलमानों के लिए मस्जिद खुदा का घर होती है। जहां वे इबादत करते हैं, नमाज पढ़ते हैं, इलाही की राजी करते हैं। रमजान का पाकीजा महीना चल रहा है। ऐसे में मस्जिदों में नमाजियों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। मस्जिद में दाखिल होने का भी एक सुन्नत तरीका है, और बाहर निकलने की भी खास दुआ है। मस्जिद में दाखिल होने और बाहर निकलने की दुआ (Masjid ki Dua) हिंदी में याद कर लें। अल्लाह के घर में जब आप दाखिल होने जा रहे हैं तो कुछ ऊसूल ओ आदाब तो होने ही चाहिए। मिसाल के तौर पर जब कोई हमारे घर के बाहर आता है तो वह घंटी बजाता है, अंदर आने की इजाजत लेता है। लेकिन अल्लाह के घर में कोई भी कभी भी जा सकता है। बस आप पाक साफ रहे और दाखिल होने से पहले तथा बाहर निकलने से पहले ये दुआएँ जरूर पढ़ लें।
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मस्जिद में दाखिल होने की दुआ
(Masjid ki Dua)
अल्लाहुम्मफ-तहली अबवाबा रहमतिका
तर्जुमा: ऐ अल्लाह, मेरे लिए अपनी रहमत के दरवाज़े खोल दे
اللَّهُمَّ افْتَحْ لِي أَبْوَابَ رَحْمَتِكَ
Allahhummaf-tahli Abwaba Rahmatik
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मस्जिद से बाहर निकलने की दुआ
अल्लाहुम्मा इन्नी अस-अलुका मिन फज़लिका
तर्जुमा: ऐ अल्लाह, मैं आप से फ़ज़्ल मांगता हूँ
اللهُمَّ إِنِّي أَسْأَلُكَ مِنْ فَضْلِكَ
Allahumma Inni As Aluka Min Fazlika
मस्जिद में इन बातों का ख्याल रखें
- कपड़े और शरीर को पाक साफ रखें।
- नापाकी की हालत में मस्जिद के अंदर न जाएं।
- अगर आप नापाकी हालत में मस्जिद के अन्दर जाकर नमाज़ पढ़ते हैं तो आपकी नमाज क़ुबूल नही होगी।
- मस्जिद में जाते समय दाहिना पैर को सबसे पहले मस्जिद में रखें। कहा जाता है की हर अच्छे काम के शुरुआत करते वक्त आपको पहले दाहिना पैर ही अंदर रखना चाहिए।
- मन में मस्जिद के अंदर जाने की दुआ पढ़े। दुआ को तेज़ पढ़ना ज़रूरी नहीं है। इसे आप धीरे या मन में ही पढ़ सकते हैं।
- जूते और चप्पल को मस्जिद के बाहर ही उतारे।