बद्रीनाथ धाम को लेकर समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान ने राजनीतिक बवाल शुरू करवा दिया है। भाजपा लगातार सपा पर हमला कर रही है। वहीं अब बहुजन समाज पार्टी भी सपा के खिलाफ खड़ी हो रही है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने मौर्य के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होनें इसे विशुद्ध राजनीति कहा है। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने कहा कि चुनाव से पहले इस तरह की राजनीति भरी धार्मिक बातें करना विवाद को जन्म देता है। साथ ही यह भी कहा कि अब जनता इस बहकावे में नहीं आने वाली है।
मौर्य का बयान
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे पर सवाल खड़ा करते हुए बयान दिया था कि अगर सर्वे किया जा रहा है तो हिंदू मंदिरों का भी होना चाहिए। क्योंकि कई सारे मंदिर बौद्ध मठों को तोड़कर बनाए गए हैं। उन्होनें बदरीनाथ धाम को लेकर दावा किया कि मंदिर से पहले वो भी बौद्ध मठ ही था और आदि शंकराचार्य ने उसे हिंदू मंदिर बनाया।
बसपा सुप्रीमो ने मौर्य के बयान पर निशाना साधते हुए कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य का यह बयान बद्रीनाथ सहित अनेकों मन्दिर बौद्ध मठों को तोड़कर बनाए गए हैं और आधुनिक सर्वे अकेले ज्ञानवापी मस्जिद का क्यों बल्कि अन्य प्रमुख मन्दिरों का भी होना चाहिए, नए विवादों को जन्म देने वाला यह विशुद्ध राजनीतिक बयान हैं"।
वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी स्वामी प्रसाद के मौर्य के बयान कि निंदा की है। उन्होनें कहा कि बद्रीनाथ का जिक्र आदिकाल से ही हमारे पुराणों में है। इस मामले पर उन्होनें कहा कि अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव इसी प्रदेश से है, उन्हें स्वामी प्रसाद मौर्य को जवाब देना चाहिए।