Meditation Side Effects: मेडिकल साइंस में मेडिटेशन को बहुत अधिक फायदेमंद बताया गया है। इसे करने से मन और मस्तिष्क शांत रहते हैं, साथ ही शरीर भी स्वस्थ और तंदरुस्त रहता है। परन्तु योग विज्ञान के अनुसार ध्यान किसी योग्य गुरू की देखरेख में ही करना चाहिए। ऐसा न करना बहुत खतरनाक सिद्ध हो सकता है। जानिए ध्यान से जुड़ी सावधानियां और नुकसान के बारे में
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कैसे काम करता है ध्यान
मेडिटेशन के दौरान हम अपने मन-मस्तिष्क को नियंत्रित करना सीखते हैं। इस दौरान मन में दबी हुई यादें, इच्छाएं, कुंठाएं और दूसरी वासनाएं उभरने लगती हैं। हमें उन पर भी नियंत्रण रखना होता है, यदि उस समय थोड़ा भी भटक जाए तो दिक्कत हो सकती है। ऐसे में जरा सी लापरवाही मस्तिष्क को अनियंत्रित कर मानसिक रोगों का कारण बन सकती है। एक योग्य गुरु ही यह बता सकता है कि ध्यान कब, कैसे और कितनी देर करना चाहिए। मनचाहे तरीके से ध्यान करने पर शरीर भी बीमार हो सकता है।
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- गलत तरीके से ध्यान करना शिजोफ्रेनिया का कारण भी बन सकता है। यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें आदमी को जागते हुए भी स्वप्न जैसे दिखने लगते हैं। वह अपनी ही कल्पना को सजीव मान कर उनसे बात करने लगता है, उनके साथ व्यवहार करने लगता है।
- लंबे समय तक ध्यान करने से शरीर में अत्यधिक ऊर्जा उत्पन्न होती है। इस ऊर्जा को नियंत्रित करना भी आवश्यक है जो केवल एक गुरु ही कर सकता है। यदि इस अतिरिक्त ऊर्जा को संभाला नहीं जाए तो मानसिक संतुलन बिगड़ने का कारण भी बन सकती है।
- अत्यधिक लंबे समय तक ध्यान करने से मन सांसारिक विषयों से हटने लगता है। ऐसे में जो लोग सांसारिक लाईफ जीना चाहते हैं, उनके सामने कई तरह की समस्याएं आ सकती हैं। इसलिए एक निश्चित समय तक ही ध्यान करना चाहिए।
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