मणिपुर में दो समुदायों के बीच भड़की हिंसा कई कोशिशों के बाद भी कम होने का नाम नहीं ले रही है। गुरुवार को फिर से हिंसक घटनाएं सामने आई। खेमेन्लोक में मृतकों की संख्या 11 से बढ़कर 15 हो गई है। वहीं म्यांमार से राज्य के बिष्णुपर जिले में 300 हथियारबंद उग्रवादियों के घुसने की जानकारी मिली है। सुरक्षा एजेंसियां इनका पता लगाने के लिए ड्रोन इस्तेमाल कर रही हैं।
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20 दिन में मंत्री के घर पर हमले का चौथा मामला
मणिपुर में 3 मई से शुरु जातीय हिंसा को रोकना एक चुनौती बन गया है। कुकी और मैतेई समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर शुरु हुई हिंसा में अब तक 100 से भी अधिक लोगों की मौत हो चुकी हैं। गुरुवार को एक बार फिर से भड़की हिंसा में नेताओं के घर तक जला दिए। कुछ लोगों ने विदेश राज्य मंत्री रंजन सिंह की गाड़ियां भी आग के हवाले कर दी। मणिपुर में पिछले 20 दिन में ही यह चौथा मामला है जब किसी मंत्री के घर पर हमला हुआ है। इससे पहले भी 28 मई को कांग्रेस विधायक रंजीत सिंह के घर में तोड़फोड़ हुई। 8 जून को भाजपा विधायक सोराईसाम केबी के घर IED से हमला हुआ। इसके बाद 14 जून को उद्योग मंत्री नेमचा किपजेन के सरकारी बंगले में आग लगाई गई थी।
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हिंसा में लिप्त लोग देश का कर रहे नुकसान
भाजपा सांसद और केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह के घर हुई इस घटना को लेकर उन्होनें कहा कि मुझे इसका बहुत दुख है। सिंह ने कहा कि जो लोग इस हिंसा में लिप्त हैं वे देश का बहुत बड़ा नुकसान कर रहे हैं। अगर इसी तरह चलता रहा तो कोई मदद नहीं की जा सकेगी। बता दें कि घटना के वक्त मंत्री रंजन सिंह केरल में थे। रात करीब 10 बजे 50 से अधिक लोगों ने उनके घर हमला किया और घर में आग लगा दी। घर पर खड़ी गाड़ियां भी आग के हवाले कर दी।