नेशनल क्राइम रिपोर्ट ब्यूरो ने आश्चर्यजनक आंकड़े प्रस्तुत करते हुए, गुजरात से गुम हुई महिलाओं की रिपोर्ट सांझा की। जिसमें चौकाने वाले मामले उजागर हुए हैं। नेशनल क्राइम रिपोर्ट ब्यूरो के आंकड़ों की माने तो साल 2016 में 7105 महिलाएं लापता हुई। वही यह आंकड़ा धीरे-धीरे बढ़ता हुआ, 2019 में 9268 महिलाओं तक पहुंच गया और 2020 में 8290 महिलाओं के लापता होने की सूचनाएं प्राप्त हुई। विगत 5 सालों में लगभग 41,621 महिलाओं का लापता होने का आंकड़ा चौंकाने वाला है।
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार पूर्व IPS, और गुजरात राज्य मानवाधिकार आयोग के सदस्य सुजीत सिन्हा ने बताया, गुम होने वाली महिलाओं के मामले में मैंने देखा है कि लड़कियों और महिलाओं को कभी-कभी गुजरात के अलावा अन्य शहरों में भी भेजा जाता है और उन्हें वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया जाता है।
आगे उन्होंने कहा, पुलिस सिस्टम की समस्या यह भी है कि वह गुमशुदगी के मामलों को गंभीरता से नहीं लेती। जांच में लापरवाही का नतीजा है कि इतनी सारी महिलाएं गुजरात जो कि नरेंद्र मोदी का गृह राज्य क्षेत्र है। वहां से इस तरह की खबर का आना अपने आप में चिंता का विषय है।
गुजरात से गुम हुई इतनी सारी महिलाओं की यह रिपोर्ट सचमुच चौंकाने वाली है। जब आधिकारिक आंकड़े ही इतने अधिक है। तो जो रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई। उन्हें भी इसमें शामिल कर दिया जाए तो आंकड़ों का स्तर कितना होगा?