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Mizoram जीतने वाली नई पार्टी ZPM कैसे बनी? पढ़े जानकारी

 

Mizoram Election 2023: मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ के बाद आज मिजोरम विधानसभा चुनाव के परिणाम सामने आ रहे है। शुरूआती रुझानों में प्रदेश की नई-नवेली राजनीतिक पार्टी जेडपीएम (ZPM) को बढ़त मिलती हुई दिखाई दे रही है। पार्टी का गठन साल 2018 में हुआ था। तमाम Exit Polls में ZPM को बहुमत मिलने की उम्मीद जताई गई थी, कुछ ऐसा ही रुझान मतगणना में देखने को मिल रहा है। जानते है इस क्षेत्रीय दल के बारे में – 

 

कब अस्तित्व में आई ZPM ? 

 

Mizoram Assembly Election 2023 के तमाम एग्जिट पोल्स में ZPM Party को बहुमत मिलने का अनुमान लगाया गया था। हालांकि, यह आज 4 दिसंबर, सोमवार को फाइनल हो जाएगा कि मिजोरम में किस दल को बहुमत मिलेगा और कौन सरकार बनाएगा। ZPM Party को Former IPS Lalduhoma ने Zoram Nationalist Party नाम से एक दल बनाया। इसके बाद ही 'लालडुहोमा' सक्रिय राजनीति में आये। इसी दौरान ZNP ने पांच छोटे दलों के साथ गठबंधन कर लिया। इस स्टेप के बाद यह गठबंधन 'राजनीतिक पार्टी' में तब्दील हो गया और इसे 2017 में 'ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट' (ZPM) नाम दिया गया। 

 

कौन है पूर्व IPS लालडुहोमा?

 

Zoram People's Movement (ZPM) के अध्यक्ष 'लालडुहोमा' मिज़ोरम के एक पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं। 1972 से 1977 तक मिजोरम के मुख्यमंत्री (Mizoram CM) के प्रधान सहायक के तौर पर काम किया। स्नातक की पढ़ाई के बाद वह भारतीय सिविल सेवा परीक्षा देकर 1977 में आईपीएस बने। गोवा में एक स्क्वाड लीडर के तौर पर काम किया। इस दौरान उन्होंने तस्करों पर बड़ी कार्रवाई की, जो पुलिस अधिकारी के तौर पर लालडुहोमा को लेकर मीडिया सुर्खियां बनी। 

सन 1982 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Former Prime Minister Indira Gandhi) ने 'लालडुहोमा' को अपना सुरक्षा प्रभारी नियुक्त किया था। उन्हें पुलिस उपायुक्त के रूप में विशेष पदोन्नति दी गई थी। राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) की अध्यक्षता में 1982 एशियाई खेलों की आयोजन समिति के सचिव भी रहे। 

 

यह भी पढ़े: अब Mizoram में चलेगा मौदी मैजिक, इस पार्टी की बनेगी सरकार

 

लालडुहोमा की राजनीतिक 'एंट्री' 

 

सन 1984 में पुलिस सेवा से इस्तीफा देने के बाद वह Congress Party में शामिल हो गए। इसी साल दिसंबर महीने में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) लड़ा और लालडुहोमा संसद पहुंचे। 1988 में कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दिया और दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य करार दे दिए गए। इस वजह से उन्हें लोकसभा की सदस्यता गंवानी पड़ी थी। 2018 के चुनावों में ZPM दल को चुनाव आयोग से मान्यता नहीं मिली तो निर्दलीय लड़े। 

निर्दलीय लड़कर 'लालडुहोमा' ने तत्कालीन मुख्यमंत्री लालथनहलवा (Former CM Lalthanhalwa) को हराकर इतिहास रच दिया। इसके बाद ही वह मिजोरम की राजनीति में सुर्ख़ियों में आ गए। उनकी इस जीत के बाद चुनाव आयोग ने भी ZPM को राजनीतिक दल के तौर पर मान्यता दे दी। 'लालडुहोमा' पार्टी अध्यक्ष बने लेकिन विधानसभा सदस्यता गंवानी पड़ी। इसी के साथ वह मिज़ोरम में विधानसभा की सदस्यता गंवाने वाले पहले विधायक भी बन गए। 2021 में सेरछिप सीट पर हुए उपचुनाव (Serchhip Seat By Election) में 'लालडुहोमा' ने इसे मुद्दा बनाया और फिर से विधानसभा पहुंच गए। 

Aakash Agarawal

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