जयपुर। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अब 3 ऐसे कानून लेकर आ रही है जिनके तहत सीधे फांसी की सजा मिलेगी। भाजपा सरकार की तरफ से लाए गए ये तीनों नए क्रिमिनल विधेयक लोकसभा में पास हो गए हैं। अब इनको राज्यसभा में रखा जाएगा जहां से पास होने पर इन्हें राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद ये बिल कानून बनकर लागू होंगे। इनके तहत नाबालिग से रेप, मॉबलिंचिंग व क्राइम जैसे अपराधों में फांसी की सजा दी जाएगी।
देश की संपत्ति को नुकसान व सशस्त्र विद्रोह करने पर जेल
इन बिलों को लेकर केंद्रिय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि अंग्रेजों का बनाया राजद्रोह कानून अब खत्म किया जा रहा है। इस कानून के तहत गांधी, पटेल, तिलक, सहित भारत के कई सेनानियों को कई बार 6-6 साल जेल की सजा काटनी पड़ी। लेकिन अब मोदी सरकार ने राजद्रोह की धारा 124 खत्म कर इसे हटाने का काम किया।
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राजद्रोह की जगह अब देशद्रोज
शाह ने कहा कि राजद्रोह शब्द को हटाकर अब देशद्रोह किया गया है। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि अब भारत आजाद हो चुका है। ऐसे में डेमोक्रेटिक देश में कोई व्यक्ति सरकार की आलोचना कर सकता है जो उनका अधिकार है। लेकिन कोई देश की सुरक्षा व संपत्ति को नुकसान पहुंचाएगा तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। इसी के साथ अब कोई सशस्त्र विरोध, बम धमाके करता है तो उसें आजाद रहने का हक नहीं, उसे जेल जाना पड़ेगा।
नाबालिग से रेप पर फांसी की सजा
आपको बता दें कि नाबालिग से रेप करने पर धारा 375, 376 लगती थी। लेकिन अब जहां से अपराधों की बात शुरू होती है उसमें धारा 63, 69 में रेप को रखा गया है। इसमें गैंगरेप को भी शामिल किया गया है। पहले मर्डर 302 था, अब 101 हो गया है। अब गैंगरेप के आरोपी को 20 साल तक की सजा या आजीवन कारावास हो सकता है। इसके तहत 18, 16 और 12 साल की उम्र की बच्चियों से रेप में अलग-अलग सजा है। 18 वर्ष से कम की बच्ची से रेप में आजीवन कारावास और मौत की सजा मिलेगी। वहीं, सहमति से रेप में उम्र को बढ़ाकर 18 साल किया गया है। अब 18 साल की लड़की से रेप नाबालिग रेप में आएगा।
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गैर इरादतन हत्या में इतनी सजा मिलेगी
अब गैर इरातन हत्या को 2 हिस्सों में बांटा गया है। यदि गाड़ी चलाते समय हादसा होता है और आरोपी यदि घायल को पुलिस स्टेशन या अस्पताल लेकर जाता है उसको कम सजा मिलेगी। जबकि, हादशा करके भागने यानि हिट एंड रन केस में 10 साल की सजा दी जाएगी। डॉक्टरों की लापरवाही से होने वाली हत्याओं को गैर इरादतन हत्या में रखते हुए इसकी सजा बढ़ाई गई है। इसके साथ्ज्ञ ही मॉब लिंचिंग में फांसी की सजा मिलेगी। किसी को सिर पर लाठी से ब्रेन डेड होने पर 10 साल की सजा दी जाएगी।
तय होगी पुलिस की जवाबदेही
केंद्रिय गृहमंत्री ने कहा कि भारत के नए कानून में अब पुलिस की भी जवाबदेही तय होगी। क्योंकि पहले किसी को गिरफ्तार किया जाता तो उसके परिवार वालों को इसकी जानकारी नहीं होती थी। लेकिन यदि अब किसी को गिरफ्तार किया जाता है तो पुलिस उसके परिवार को इसकी जानकारी देगी। किसी भी केस में 90 दिनों के भीतर क्या हुआ इसकी जानकारी पुलिस द्वारा पीड़ित को दी जाएगी।
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पुलिस को 3 दिन में दर्ज करनी होगी FIR
आपको बता दें कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में गरीबों को न्याय मिलने में कठिनाई होती है। हालांकि, गरीबों के लिए इसकी संविधान में व्यवस्था की गई है। पुलिस की तरफ से दंडित कार्रवाई CrPC में कोई भी समय तय नहीं है। 10 साल बाद भी पुलिस द्वारा जांच की जा सकती है। इसको लेकर पुलिस को 3 दिन के अंदर एफआईआर दर्ज करनी होगी। 3 से 7 साल की सजा के अंदर 14 दिन के अंदर जांच करके FIR रजिस्टर करनी ही होगी।