Mooch in Islam: सिर पर टोपी और लंबी दाढ़ी, और उस पर कुर्ता पाजामा, आपने अक्सर देखा होगा कि मुसलमान दाढ़ी तो लंबी लंबी रखते है लेकिन मूंछ बिल्कुल छोटी या न के बराबर रखते हैं। चूंकि दाढ़ी रखना इस्लाम में नबी की सुन्नत बताई गई है। आखिरी रसूल हजरत मुहम्मद साहब ने मोमिनों को दाढ़ी (Mooch in Islam) रखने की हिदायत दी थी। लेकिन मूंछ को लेकर इस्लाम में क्या कुछ कहा गया है, इस बारे में हम बात करने वाले हैं। क्या इस्लाम में मूंछ रखना हराम है? क्या मूंछ रखने से मुसलमानों को गुनाह मिलता हैं? ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब हम आपको बताएंगे।
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मुसलमान मूंछ क्यों नहीं रखते हैं (Mooch in Islam)
इस्लाम में ज्यादातर नियम कायदे अरब देशों के भौगोलिक और तत्कालीन समय की जरूरत के हिसाब से बनाए गए हैं। पैगंबर साहब ने अपने अनुयायियों को दाढ़ी रखने का हुक्म दिया लेकिन मूंछ छोटी रखने की बात कही। क्योंकि उस समय अरब में तेज रेतीली हवाएं चलती थी। ऐसे में मूंछों में रेत के कण फंसने का खतरा बना रहता था। वही दाढ़ी की वजह से चेहरा गर्मी से झुलसने से बच जाया करता था।
दाना-पानी से जुड़ा है मसअला
मूंछें ना रखने के पीछे एक और कारण खाने पीने को लेकर है। कहा जाता है कि बड़ी मूंछ होने से कुछ खाते या पीते समय मूंछों में खाने के टुकड़े फंस जाते हैं। ऐसे में ये रिज्क की बरकत चली जाती है। यही वजह है कि इस्लाम में मूंछ बिल्कुल छोटी या सफाचट रखने के आदेश है।
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युवा मुस्लिम रखते हैं मूंछ
भारत के युवा मुस्लिमों में इन दिनों बीयर्ड शेप का क्रेज है। हालांकि पुराने मुसलमान अभी भी दीनी तालीम के चलते मूंछ बिना दाढ़ी रखते हैं। लेकिन युवा मुस्लिमों का कहना है कि ऐसी दाढ़ी से उनकी पहचान आसानी से मुसलमान के तौर पर हो जाती है। कई बार लोग उन्हें शक की निगाह से देखते हैं। यही वजह है कि युवा मुस्लिम बंधुओँ में मूंछ बिल्कुल सफाचट नहीं मिलती है। हालांकि मौलानाओँ की माने तो मूंछ के बाल खाने पीने की चीजों से टच नहीं होने चाहिए वरना खाना मकरूह हो जाता है। रीति रिवाज जो कहे लेकिन आज का युवा अपने मन की करता है।