Categories: भारत

काव्य का संग मां, शून्य से शिखर तक में साकार हुआ मां का प्यार

तेरे सपनों के गांव में, तेरे आंचल की छांव में, बहुत सुकून मिलता है। दुख के बादलों में धूप सी खिल हमारी हर तकलीफ को मिटाती मां। मां के आंचल का साया ही सब धूपों की छाया ह। जैसी कविताओं के साथ शून्य से शिखर तक काव्य संग मां कार्यक्रम आयोजित किया गया। जहां किसी ने मां की महिमा को पढ़ा तो किसी ने बचपन से जुड़ी मां की यादों को शब्दों से सजा दिया। किसी ने मां के चश्मे से दुनिया देखने की अभिलाषा रखी तो कोई मां के बिना सूने गांव और घर को जीवंत कर गया। तो कहीं किसी ने मां को मातृ भूमि से जोड़कर वीर रस की रचना ने जोश भर दिया तो वात्सल्य रस में डूबी शब्द मुखर की काव्य रचनाओं ने समां बांध दिया।

मॉर्निंग न्यूज, ईवनिंग प्लस और MorningNewsIndia डिजिटल प्लेटफार्म की ओर से मदर्स डे पर आयोजित श्रृंखला के तहत शनिवार को मीडिया हाउस परिसर में हुए कवि सम्मेलन में एक से बढ़कर एक कविताओं का पाठ हुआ। कार्यक्रम में अदभुत ये रहा की यहां हिंदी के साथ साथ पंजाबी, राजस्थानी और उर्दू में भी काव्य रचना सुनाई गई। कवि, कवियित्री और शायरा ने अपनी बेहतरीन रचनाएं पेश की। मशहूर शायर डाॅक्टर जीनत कैफी, अब्दुल अय्यूब गौरी, विनय कुमार शर्मा, डॉक्टर रेनू शब्द मुखर, प्रोफेसर आरती रानी सिंह, नगर निगम स्वास्थ निरीक्षक दीपा सैनी, नीतू सीड़ाना, रजनी राघव, शकुंतला टेलर, एडवोकेट सतपाल सोनी, हर्षवर्धन पांडे आदि ने पूरी शिद्दत से काव्य पाठ करके माहौल को रस के हिसाब से वैसा ही रंग दिया। जिससे काव्य संगम पूरी तरह से हर रस की कविताओं का संगम बन गया। कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों का मार्निंग न्यूज इंडिया और ईवनिंग प्लस के जनरल मैनेजर किशन शर्मा ने स्मृतिचिन्ह देकर सम्मान किया। कार्यक्रम का संचालन अम्बिका शर्मा ने किया। 
 
मां का इस्तकबाल
अब्दुल अय्यूब गौरी
मां का इस्तकबाल कर रहा मां तूने जन्म देकर मुझे निहाल कर दिया। हो या सलाम और श्रद्धा का पैगाम है मां मेरे दिल की हर धड़कन पर मेरी मां का नाम लिखा है। जैसे शब्दों के साथ गांव में मां की यादों के सहारे ही जाने की बात कहकर राष्ट्रीय कवि अब्दुल अय्यूब गौरी ने अपने मां से प्याद को अपने काव्य में बताया। 

ले चल मुझको घनी छावं में 
विनय कुमार शर्मा 
ले चल मुझको घनी छावं में हरा भरा अंकुश बना। तू कैसे बताएगा कल को मां यदि आई। बिना छावं कर पाएगा तू कैसे मां का सत्कार। मैंने मां की याद में बिरवे रोपे चार और धरती माता ने किया उनका लाड़ दुलार। ये लाइने बोलकर हास्य कवि विनय कुमार शर्मा ने सभी की वाहवाही लूटी। 

दुख के बादलों में धूप सी 
रेनू शब्द मुखर
दुख के बादलों में धूप सी खिल हमारी हर तकलीफ को मिटाती मां। करुणा का सागर वो कहलाती मां। हमारे हर सपने की खातिर वेा खुदको तपाती है, तभी तो त्याग की मूरत वो मां कहलाती है। कहीं भी रहे वो बस फिक्र उसे मेरी ही होती है। यही मां का रूप है और निश्चल मां का प्यार भी ऐसा ही होता है। यह काव्य था रेणू शब्द मुखर का। 

नफरतों को मार कर देखो
डाॅ जीनत कैफी
नफरतों को मार कर देखो, कभी खुद से प्यार कर तो देखों। ये दुआ यू ही नहीं मिलती मां को दिल से पुकार कर तो देखो। किसी बच्चे में कोई फर्क कभी देखती नहीं ये मेरी मां है जो कभी थकती नहीं। से मां के प्यार और दुआओं का असर बताया शायरा जीनत कैफी ने। यही नहीं उन्होंने अपनी शायरी से प्यार के पाक रूप को भी सलामत रखने की नसीहत दी।  

 

 

तेरे सपनों के गांव में                                                                                                                                                                                                                     

नीतू सिडाना
तेरे सपनों के गांव में तेरे आंचल कर छांव में बहुत सुकून मिलता है, मां गोद में तेरी और मिलती है बस जन्नत तेरे ही पांव में। फूल सी लगती हैं ख्वाहिशें, जो तेरी हिम्मत से महकती हैं। मां के आंचल की छांव की महिमा को नीतू सिडाना ने अपने शब्दों में कुछ ऐसे पिरोया कि हर किसी के मुंह से वाह वाह निकल निकले बिना न रह सकी। 

मां के हाथ से पिया वो पानी 
हर्षवर्धन पांडे
वो बचपन जहां हर शब्द में मिठास और कदम कदम पर शरारतें होती थी। क्या वक्त था वो मां जब परिवार में सिर्फ हमारी बातें होती थी। हांफते कदमों से जब मैं घर पहुंच कर मां को आवाज लगाता था। तो मां प्यार से पानी का गिलास लाती थी। और मां के हाथ से पिया वो पानी जाने क्यों इतना मीठा हो जाता था। ये लाइनें लिखी है युवा कवि हर्षवर्धन पांडे ने अपनी रचना में। जिसमें उन्होंने मां के साथ और मां से दूर रहने पर बच्चों के बदलते मनोभावों को प्रकट किया। 

तेरा परिवेश बदला है
सतपाल सोनी 
तेरा परिवेश बदला है कि तू अब बदलाव चाहता है। ये कैसे मां के अहसानों का अब कर्जा चुकाता है। मनाती थी जो बचपन में तू अक्सर तो रूठ जाता था। जिसने तुझे सिखाया बोलना उसे तू चुप कराता है।  और जिंदगी मौत को हम भूलकर गुमनाम बैठे हैं। सजाकर आजादी हम सुनहरी शाम बैठे हैं। इरादे नेक हैं सरहद को कोई छू नहीं सकता जैसे देशभक्ति के भावों के साथ मां और भारत मां को सतपाल सोनी ने याद किया।  

मां के आंचल का साया
दीपा सैनी, स्वास्थ्य निरीक्षक जयपुर नगर निगम 
मां के आंचल का साया ही सब धूपों की छायां है। मां के आंचल के आगे दुनियाभर की बिसात क्या है। उसके नूर के आगे मैं जुगनु जुगनू की बिसात क्या। मैं उसकी दहलीज का दीपक और मेरी औकात क्या। शब्दों से मां के आगे किसी की भी बिसात नहीं यह अपने शब्दों से सभी को बताया।  


 
अपनी गोद में छुपाकर मां 
डाॅ आरती सिंह भदौरिया, हिन्दी और अंग्रेजी कविता व कहानी लेखन
मेरे प्रथम श्वास लेने से जीवन पर्यन्त चलने वाली तुम ही हो जो मेरी देहगन्धम में समाहित हो। अपनी गोद में छुपाकर मां हर मुश्किल से आश्वस्त करती हो। यह काव्य रचना सुनाई आरती सिंह ने जो मां के आने को जीवन की तृप्ती मानती हैं।  

ओ देखने वाले मेरी मां 
रजनी राघव
ओ देखने वाले मेरी मां के पैर के छाले तो देखो। मेरी मां का प्यार कितना निर्मल है निश्चल है। मां का प्यार किसी भी उम्र में कितना महत्व रखता है यह समझाया रजनी राघव ने। जिन्होंने मां की ममता और प्यार को अपने शब्दों में पिरोया।        

                                                      
तजुर्बे की गठरी                                                                  
डाॅ शकुन्तला टेलर
समेट कर तजुर्बे की गठरी वृद्धाश्रम की चैखट पर पहुंचाया शकुन्तला टेलर ने। जिन्होंने जीवन के अंतिम पड़ाव पर मां के साथ आज होते व्यवहार को दर्शाया। जिसमें आंसुओं से चश्में को साफ करती मां और अपने बच्चों की राह तकती मां का चित्रण कर उन्होंने सभी को आंसुओं से भिगो दिया।  

 

Ambika Sharma

Recent Posts

जयुपर में विकास के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा : डिप्टी सीएम Diya Kumari

जयपुर। राजस्थान की डिप्टी सीएम दिया कुमारी ( Diya Kumari) की अगुवाई में जयपुर में…

11 घंटे ago

राजस्थान में दौड़ेगी 1000 इलेक्ट्रिक बसें, भजनलाल सरकार ने की ग्रीन बजट पेश करने की तैयारी

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (CM Bhajanlal Sharma) ने जयपुर जयपुर प्रदर्शनी एवं सम्मेलन…

12 घंटे ago

दुनिया के इस देश में पाए जाते हैं सबसे अधिक और खूंखार भेड़िए

जयपुर। Most Dreaded Wolf In World : दुनिया के लगभग हर ऐसा जानवर है जिसें…

13 घंटे ago

Gajendra Singh Shekhawat ने अधिकारियों को लेकर दिया चौंकाने वाला बयान, न सुने तो देंगे पैरासिटामोल गोली

जोधपुर। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) ने जोधपुर में बीजेपी कार्यकर्ताओं को…

14 घंटे ago

Ganesh Chaturthi 2024: घर में लाएं ये 5 चीजें, बन जाएगे रंक से राजा, भर-भरकर खर्च करेंगे पैसा

Ganesh Chaturthi 2024: जयपुर। गणेश उत्सव की शुरुआत शनिवार से हो रही है। यह 10…

14 घंटे ago

Sachin Pilot Birthday: वसुंधरा के गढ़ में पायलट का अनोखा सेलिब्रेशन, रच दिया नया इतिहास

Sachin Pilot Birthday Celebration : जयपुर। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने 47 में…

14 घंटे ago